भोपाल (MP) : कमलनाथ सरकार से लाखों युवा पुलिस भर्ती में चुनावी वादे को पूरा करने की माँग कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को युवा उनके चुनावी वादों को याद दिला रहे हैं क्योंकि उनके सरकार को 1 साल से भी ऊपर हो चुके हैं। सरकार नें सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि सरकारी नौकरी में दो साल की उम्र सीमा बढ़ाई जाएगी।
जैसा कि विगत 2017 के बाद कोई भी वर्दीधारी पद नही आया, आखरी भर्ती पुलिस उपनिरीक्षकों (SI) की भर्ती 2017 मैं हुई जिसकी आयु सीमा 33 वर्ष थी (सामान्य वर्ग की)। उसके बाद कोई वर्दीधारी पद नही आया। हर वर्ष वर्दीधारी पद आते थे, अपितु 2017 से नही आये।
उस समय युवा जो युवा 32 वर्ष का था वो आज 34 वर्ष का हो गया, 33 वर्ष वाला जिसके पास आखरी मौका था वो आज 35 वर्ष का हो गया इन 3 वर्ष में भर्ती न आने के कारण 2 लाख युवा परीक्षा से वंचित हो रहे हैं । जिसका कारण 2017 से भर्ती न आना, अपितु सरकार द्वारा कहा जा रहा है कि हम वर्दीधारी पदों की आयु सीमा 33 वर्ष कर रहे है लेकिन 33 वर्ष तो पहले से ही आयु सीमा थी, जो कि सामान्य प्रशाशन विभाग के पात्र क्रमांक 3-8/2016/1/3 मैं स्पष्ट उल्लेख करता है। अतः युवाओ को ये समझ नही आ रहा है कि जब आयु सीमा 33 वर्ष पहले से ही है तो सरकार कौन सी 33 वर्ष कर रही है। अपितु सरकार ने इन 3 सालों में भर्ती नही आने के कारण बोला था कि आयु सीमा वचनपत्र के बिंदु 8.5 के अनुसार हम 2 वर्ष बढ़ाएँगे, जिससे जो उम्मीदवार भर्ती न आने के कारण उम्रदराज हुए हैं, उनको मौका मिल सके।
इसके अलावा युवाओ द्वारा सरकार से ये मांग भी की जा रही है कि सरकार आयु की गड़ना वर्ष 2017 से करे, जिससे जो उम्मीदवार परीक्षा से वंचित हो रहे है,उन्हें परीक्षा मैं सम्मलित होने का आखरी मौका मिल सके। युवाओ द्वारा ये कहा जा रहा है कि हम भी मध्यप्रदेश के युवा ही है हमने भी सरकार को वोट दिया है हमारे साथ अन्याय क्यों ?
हालांकि कई मंत्रियों नें युवाओं से वादा भी किया लेकिन समय बीतता जा रहा है, अभ्यर्थी आवेदन, प्रतिवेदन व ज्ञापन देकर सालों से अपनी चप्पलें ही तोड़ रहे हैं।