मध्य प्रदेश में एक 46 वर्षीय महिला और उसके 29 वर्षीय दामाद को अपने चार पड़ोसियों पर सामूहिक बलात्कार का झूठा आरोप लगाने और अपने आरोप के समर्थन में सबूत गढ़ने के आरोप में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
राज्य की राजधानी भोपाल से 150 किलोमीटर दूर अशोक नगर जिले के अतिरिक्त जिला अभियोजक मोहम्मद आजम ने कहा कि महिला और उसके दामाद गोपाल रजक में शारीरिक सम्बन्ध थे। पड़ोसियो से रंजिश के चलते उन्होंने वर्ष 2014 में अपने चार पड़ोसियों को फंसाने का फैसला किया। महिला ने पड़ोसियों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था।
जानकारी के मुताबिक, अगस्त 2014 में, 2011 में अपने पति को खोने वाली महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उसके पड़ोस में रहने वाले चार लोगों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। पुलिस ने धारा 376 डी के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। महिला की मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई और आगे की जांच के लिए उसके कपड़े और सीमेन को फॉरेंसिक जाँच के लिए भेज दिया गया।
इस दौरान आरोपियों ने अपने को बेकसूर बताते हुए जिले के बड़े अफसरों को अपनी आपबीती बताई। अफसरों ने आरोपियों के DNA टेस्ट कराने के आदेश दिए जिसमे आये नतीजे से यह साबित हुआ कि आरोपी निर्दोष है।
इसी बीच आरोपियों के अनुरोध पर पुलिस ने महिला के दामाद का DNA टेस्ट कराया जिसका मिलान महिला से मिले सीमेन से हो गया।
पुलिस अधिकारी वीपी सिंह जाट, जिन्होंने मामले की जांच की, ने बताया कि “पूछताछ के दौरान, गोपाल रजक ने कबूल किया कि वह गुड्डी के साथ रिश्ते में था और उन्होंने अपने पड़ोसियों को फंसाने के लिए एक झूठा मामला दर्ज किया, जो गुड्डी और गोपाल के साथ अकसर विवाद करते थे”।
अशोक नगर के पहले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश महेश कुमार चौहान ने महिला और उसके दामाद गोपाल रजक को दोषी ठहराने और आपराधिक साजिश रचने के लिए 10 साल जेल की सजा सुनाई है। मामले का खुलासा होने के बाद आरोपी बनाये गए लोगो ने राहत की सांस ली।
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