खजुराहो: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा धारा 370 पर आपत्तिजनक बयान के बाद मध्य प्रदेश के BJP अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा ने उनके खिलाफ NIA जांच के लिए गृहमंत्री अमित शाह से सिफारिश की है।
खजुराहो से भाजपा सांसद वीडी शर्मा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा- आतंकियों से सहानुभूति रखते हैं दिग्विजय। देशद्रोहियों से हो सकता है, दिग्गी राजा का गहरा सबंध।
अपने विस्तृत पत्र में वीडी शर्मा लिखते हैं “मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह द्वारा एक क्लब हाउस चैट में धारा 370 को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार के साथ जो चर्चा की गई है, वह अत्यंत आपत्तिजनक होकर राष्ट्र विरोधी कृत्य है। उन्होंने पाकिस्तानी पत्रकार से साफ – साफ कहा है कि आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला बेहद दुःखद था और कांग्रेस जब सत्ता में आएगी तो 370 को हटाने के फैसले पर दोबारा विचार करेगी।”
“ऐसा करके दिग्विजय सिंह ने पाकिस्तान को यह संदेश दिया है कि वे भारत की संसद द्वारा लिए गए निर्णय का विरोध ठीक उसी प्रकार कर रहे हैं, जैसे पाकिस्तान करता है। ऐसा नहीं है कि उन्होंने पहली बार आतंकवाद को समर्थन और पाकिस्तान को मदद करने वाला बयान दिया हो। सच तो यह है कि दिग्विजय सिंह जैसे लोग भारतीय लोकतांत्रिक सदाशयता का अनुचित लाभ उठाकर देश विरोधी गतिविधियां चलाना अपना अधिकार मान चुके हैं।”
“इससे पूर्व मार्च 2019 में भारत द्वारा पाकिस्तान पर की गई एयर स्ट्राइक के सबूत मांगने का काम उन्होंने किया था। मुंबई में हुए 26/11 हमले को लेकर उन्होंने शहीद हेमंत करकरे की शहादत को विवादित करने के लिए उसका ठीकरा आरएसएस पर फोड़ा था। वर्ष 2008 में हुए दिल्ली के बटला हाउस एनकांउटर को फर्जी बताया था। इस एनकांउटर में शामिल उन आतंकवादियों के घर पर जाकर उन्होंने अपनी सहानुभूति प्रकट की थी जिन आतंकवादियों को बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई। ऐसा करके उन्होंने शहीद इंस्पेक्टर मोहन चन्द्र शर्मा के बलिदान को भी कलंकित किया।”
“पुलवामा हमले को दुर्घटना करार देने का दुस्साहस भी वे कर चुके हैं। मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद को ‘साहब’ और आतंकवादी लादेन को ‘जी’ कहकर सम्मान देना इनके लिए मामूली बात है। दुनिया में नफरत फैलाकर आतंकवाद पनपाने वाले जाकिर नाईक से इनके दोस्ताना रिश्ते जगजाहिर हैं। दिग्विजय सिंह के बयानों, चर्चाओं और संबंधों का ट्रैक रिकॉर्ड बताता है कि भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता हो सकती है।”
“आतंकवादियों और पाकिस्तान के प्रति उनके सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार से यह भी संदेह होता है कि भारत को नुकसान पहुंचाने के खतरनाक मंसूबे रखने वालों और दिग्विजय सिंह के बीच अंतर संबंध हैं। वे जिस तत्परता के साथ भारत विरोधी बयान देने के लिए सामने आते हैं, वह उनके दिलो दिमाग में पनपी प्रवृति का द्योतक है।”
“स्पष्ट है कि वे भारत की एकता – अखण्डता और संप्रभुता के लिए ही खतरा नहीं बन रहे हैं, बल्कि वे पाकिस्तानी पत्रकार से भारत विरोधी बातें करके दुश्मन को प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। मुझे लगता है कि दिग्विजय सिंह जैसे लोगों के दुस्साहस का पानी अब सिर के ऊपर हो चुका है। भारत के विरोध में काम करने वाले ऐसे व्यक्ति की जांच एनआईए सहित अन्य सक्षम एजेंसियों से कराई जाना चाहिए, जिससे अन्य भारत विरोधी ताकतें भी सिर उठाने की हिम्मत न करें।”