भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारत माता का मंदिर वीर भूमि के रूप में बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवनवृत प्रदर्शित होंगे और प्रतिमाएं स्थापित की जाएगी। इससे आने वाली पीढ़ी को आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्यौछावार करने वालों के बलिदान से अवगत कराने में सहायता मिलेगी। इसी भाव से भोपाल में शौर्य स्मारक का निर्माण किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभक्ति की ज्योति को लगातार जलाए रखने की आवश्यकता है। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के इस वर्ष में स्वतंत्रता संग्राम पर केन्द्रित कार्यक्रमों के आयोजन के साथ-साथ स्वतंत्रता सेनानियों पर पुस्तकों का प्रकाशन भी किया जाएगा। हमारा प्रयास यह है कि देशभक्ति का इतिहास अगली पीढ़ी के सामने आए। प्रदेश में टंट्या भील, भीमा नायक, शंकर शाह, रघुनाथ शाह, महारानी लक्ष्मी बाई की स्मृति में स्मारक बनाने के संबंध में भी कार्य जारी है।
सुप्रसिद्ध कवियत्री सुभद्रा कुमारी चौहान की जयंती पर हुआ कार्यक्रम
मुख्यमंत्री आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत सोमवार को रवीन्द्र भवन में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवियत्री सुभद्रा कुमारी चौहान की जयंती 16 अगस्त को आयोजित स्मरण-सुभद्रा कुमार चौहान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने पूर्व राज्यसभा सदस्य रघुनंदन शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक “आजादी बनाम फांसी अथवा कालापानी” का विमोचन किया।
देश के लिए जीने वाले नागरिक तैयार करना है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें केवल अपने लिए नहीं देश के लिए जीने वाले नागरिकों को तैयार करना है। देश के लिए जीने का अर्थ यह है कि हम जो भी कार्य कर रहे हैं वह पूरी मेहनत और ईमानदारी से करें। इसके साथ ही प्रत्येक प्रदेशवासी वृक्षारोपण, बेटियों के कल्याण, नशामुक्ति, स्वच्छता अभियान जैसी किसी एक गतिविधि से स्वयं को अवश्य जोड़े। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संकल्प, उनकी प्रतिबद्धता, प्रेरक प्रसंगों और वीरतापूर्ण संस्मरणों का उल्लेख करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान से अगली पीढ़ी को अवगत कराना आवश्यक
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें आजादी चांदी की तश्तरी में रख कर नहीं मिली है। यह बच्चों को बताने की आवश्यकता है। असंख्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान, दृढ़ संकल्प के कारण हमारा देश स्वतंत्र हुआ है। देश के कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अंडमान निकोबार द्वीप में अपना जीवन देश की आजादी के लिए गुजार दिया। जलिया वाला बाग तथा अन्य घटनाओं में बहुत सेनानी शहीद हुए। इनके बलिदान से अगली पीढ़ी को अवगत कराना आवश्यक है। रघुनंदन शर्मा की पुस्तक “आजादी बनाम फांसी अथवा कालापानी” का इसमें ऐतिहासिक योगदान होगा।