लखनऊ. घटना बीते दिनों 8 सितंबर की बताई जा रही है, जहां मिर्जापुर जिले के लालगंज स्थित बापू उपरौध काॅलेज में छात्र छात्राओं द्वारा कक्षा में चंदन का टीका लगा कर आने पर शिक्षक मोहम्मद कासिफ आग बबूला हो गए और छात्र छात्राओं को फटकार लगा दी. इतना ही नहीं काॅलेज परिसर में स्थित मंदिर के पुजारी को डरा धमका कर वर्षों पुराना मंदिर भी बंद करवा दिया।
घटना की जानकारी लगते विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारी और अन्य हिन्दू संगठन भी काॅलेज पहुँच गए और शिक्षक मोहम्मद कासिफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे, जहां विरोध प्रदर्शन बढ़ता देख प्रधानाचार्य डाॅ. धर्मजीत सिंह ने जांच करा कर आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की बात कहीं हैं।
जानिए क्या है मामला?
काॅलेज के प्रधानाचार्य डाॅ. धर्मजीत सिंह का कहना है कि घटना वाले दिन वह काॅलेज में मौजूद नहीं थे, कोर्ट के किसी काम चलते बाहर गए हुए थे। इस दौरान उनकी अनुपस्थिति में मोहम्मद कासिफ को काॅलेज का प्रभारी प्रधानाचार्य बनाया गया था, जहां 3 दिन के अवकाश बाद 12 सितंबर को जब वह काॅलेज पहुंचे तो मंदिर के पुजारी द्वारा उन्हें घटना के बारे में बताया गया।
वहीं छात्र छात्राओं का आरोप है कि रोज के तरह ही वह मंदिर से चंदन का टीका लगाकर कक्षा में पहुंचे थे, जहां शिक्षक मोहम्मद कासिफ की नजर उन पर पढ़ गई और वह उसका विरोध करने लगे। इतना ही नहीं उन्होंने मौके पर मंदिर के पुजारी रामजी मिश्रा को बुलाया और उन्हें धमकी देकर कहने लगे कि जिस दिन में काॅलेज का प्रभारी रहूं उस दिन मंदिर को बंद रखा कीजिए।
50 साल पहली बार पहली बार बंद रहा मंदिर
घटना के बाद मंदिर के पुजारी रामजी मिश्रा का कहना है काॅलेज 50 साल से भी ज्यादा पुराना है, लेकिन यह पहली बार हुआ है जब किसी शिक्षक की धमकी के चलते मंदिर को 3 दिन तक बंद रखा गया है।
उन्होंने कहा कि यह परंपरा कई सालों से चली आ रही है, जहां हर रोज सुबह पूजा पाठ के बाद मंदिर के गेट पर चंदन रख दिया जाता हैं। जिसके बाद काॅलेज खुलते ही छात्र छात्राएं चंदन लगाकर ही अपनी क्लासों में जातें रहे हैं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.