नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगज़ेब का पुतला जलाने के बाद हिंसा भड़क उठी। हिंदू संगठनों द्वारा किए गए इस प्रदर्शन के बाद हालात बिगड़ गए और उन पर हमला कर दिया गया। हिंसा में कई लोग घायल हो गए, जिनमें 15 से अधिक पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। हालात को काबू में करने के लिए प्रशासन ने नागपुर के कुछ इलाकों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया है।
कैसे शुरू हुई हिंसा?
पुलिस के अनुसार, विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं ने औरंगज़ेब की मजार हटाने की मांग करते हुए उसका पुतला जलाया। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी भी की। इस घटना के कुछ समय बाद ही कुछ मुस्लिम संगठनों के सदस्यों ने पुलिस स्टेशन के पास मार्च निकाला और अचानक हिंसा भड़क उठी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नकाब पहने हमलावर धारदार हथियारों और बोतलों से लैस थे और उन्होंने पथराव कर दिया। इस हमले में कई हिंदू कार्यकर्ता घायल हुए, वहीं पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया गया। हालात बिगड़ते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।
VHP ने हिंसा में शामिल होने से किया इनकार
हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने किसी भी तरह की हिंसा में शामिल होने से इनकार किया है। संगठन के महासचिव मिलिंद परांडे ने एक वीडियो संदेश में कहा कि उनकी मांग केवल औरंगज़ेब की मजार को हटाकर मराठा शासकों के लिए एक स्मारक बनाने की है। VHP का कहना है कि औरंगज़ेब एक क्रूर शासक था, जिसने हिंदू धर्मस्थलों को नष्ट किया था। इसलिए उनकी मजार का वहां कोई औचित्य नहीं है।
नागपुर में तनाव, कर्फ्यू लागू
नागपुर प्रशासन ने हालात बिगड़ते देख शहर के कई हिस्सों में कर्फ्यू लागू कर दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा, “मैंने पुलिस आयुक्त को आदेश दिया है कि वे ज़रूरी सख्त कदम उठाएं और शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखें।” इस घटना के बाद नागपुर और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल बना हुआ है। पुलिस लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। यह घटना एक बार फिर भारत में ऐतिहासिक विरासत, धार्मिक भावनाओं और सामाजिक सौहार्द के टकराव को उजागर करती है।