राज्यसभा व लोकसभा में सपा का एक भी सांसद ब्राह्मण नहीं, विधायक भी उँगली में: रिपोर्ट

लखनऊ (UP): जहां सपा ने ब्राह्मण कॉर्ड खेलना शुरू किया तो अब उल्टा ब्राह्मणों के प्रतिनिधित्व पर सवाल खड़े हुए हैं।

देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश में अभी से ही चुनावों की खुशबू आने लगी है। भले ही सूबे में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन राजनीतिक दलों के लिए गाली बन चुके ब्राह्मणवाद के खातिर अब पार्टियां नए नए ब्राह्मण कॉर्ड खेल रही हैं। इसका ताजा कारण ये है कि सपा के परशुराम मूर्ति की घोषणा के बाद बसपा ने परशुराम अस्पताल बनाने की घोषणा कर दी है। इसके बाद सपा बसपा कांग्रेस भाजपा में नेता व प्रवक्ताओं ने एक दूसरे को लेकर पलटवार शुरू कर दिए हैं।

वहीं फ़लाना दिखाना की टीम ने उत्तरप्रदेश की राजनीति को समझने के लिए विश्लेषण किया जिसमें अखिलेश यादव की सपा के ब्राह्मण कॉर्ड का जमीनी हकीकत कुछ अलग बयां कर रहा है। क्यों कि सपा में ब्राह्मणों का प्रतिनिधित्व न के बराबर है।

फ़लाना दिखाना की टीम ने सपा के राज्यसभा व लोकसभा सांसदों की सूची तैयार की तो उसमें एक भी ब्राह्मण नहीं है। बता दें कि सपा के देशभर में राज्यसभा में 8 व लोकसभा में 5 सांसद हैं। जबकि ऐसा ही हाल विधान सभा में भी है। वर्तमान में उत्तरप्रदेश में सपा की 48 सीटें हैं जिनमें महज 3 ब्राह्मण सदस्य हैं। उधर 50 सदस्य वाली सपा विधान परिषद में भी यही हाल है जहां ब्राह्मण सदस्य आधे दर्जन तक सीमित हैं।

सपा में ब्राह्मणों के प्रतिनिधित्व को लेकर खुद योगी सरकार के मंत्री ने भी सवाल उठाए हैं। योगी सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने अखिलेश यादव की पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि “ब्राम्हणों को बुद्धू मत समझिए अखिलेश यादव जी ब्राह्मण राष्ट्रभक्त होता है, विकास का पक्षधर होता है, नीतियों और कार्यक्रमों से जुड़ता है,उसे प्रलोभन देकर अपमानित मत करिए। राम मंदिर का विरोध और भगवान परशुराम का वोट के लिए इस्तेमाल करने का आपका सपना पूरा नहीं होगा।”

आगे उन्होंने ब्राह्मणों को सीट देने के मुद्दे पर घेरते हुए कहा कि “आपकी पार्टी के जिन ब्राह्मण नेताओं, श्री माता प्रसाद पाण्डेय जी और डॉ अभिषेक मिश्र, को ब्राम्हणों को जोड़ने का काम सौंपा गया है उन्हें भी लोकसभा चुनाव लड़ाने के योग्य क्यों नहीं समझा गया। आने वाले दिनों में सपा अपने कोटे की राज्यसभा या विधान परिषद की सीटों पर किन ब्राम्हण नेताओं को भेजने वाली है ?”

सपा में एक ओर बाबरी दूसरी ओर परशुराम: भाजपा नेता

भाजपा ने सपा के परशुराम मूर्ति लगाने की योजना को लेकर समाजवादी पार्टी पर तगड़ा निशाना साधा है। बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा, “हमें लखनऊ में भगवान परशुराम की मूर्ति स्थापित करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन समाजवादी पार्टी की मंशा पर हमें आपत्ति है। एक तरफ उनके सांसद कहते हैं कि बाबरी थी और हमेशा एक मस्जिद होगी जबकि दूसरी तरफ वे भगवान परशुराम के बारे में बात करते हैं। ब्राह्मण भाजपा राज से नाखुश नहीं हैं।”


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