चंडीगढ़: पंजाब में विधानसभा चुनावों से पहले चन्नी सरकार ने सामान्य वर्ग को लुभाने के लिए बड़ा दांव खेला है। राज्य में सामान्य वर्ग आयोग बनाने के लिए उनकी कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है।
गुरुवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पंजाब कैबिनेट ने अनारक्षित वर्गों के लिए पंजाब राज्य सामान्य श्रेणी आयोग (Punjab State General Category Commission) के गठन को भी मंजूरी दे दी है।
सरकार के मुताबिक यह आयोग अनारक्षित वर्गों के गरीबों के लाभ के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के अलावा अनारक्षित वर्गों के हितों की रक्षा के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगा।
आगे कहा गया कि विशेष रूप से सामान्य वर्ग (अनारक्षित वर्ग) के कर्मचारियों की लंबे समय से माँग चली आ रही है कि उनके हितों की रक्षा नहीं की जा रही है और उन्होंने राज्य सरकार से गुजरात की तर्ज पर पंजाब में भी सामान्य श्रेणी आयोग का गठन करने का अनुरोध किया था। वहीं इन माँगों को स्वीकार करते हुए कैबिनेट ने आयोग के गठन का निर्णय लिया है।
गीता अध्ययन व सनातनी ग्रंथ संस्थान की स्थापना को मंजूरी
कैबिनेट ने जगत गुरु नानक देव पंजाब स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी, पटियाला में गीता अध्ययन और सनातनी ग्रंथ संस्थान की स्थापना को भी मंजूरी दी है ताकि इन धर्मों के ज्ञान और आस्था में शैक्षिक अनुसंधान किया जा सके।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के अनुसार, यह केंद्र दूसरों के आध्यात्मिक, धार्मिक, जातीय और आध्यात्मिक दृष्टिकोण के प्रति एक विचारशील दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा।
गीता अध्ययन और सनाता ग्रंथ संस्थान की स्थापना के लिए व्यापक स्तर पर समेकन और निगरानी तंत्र की आवश्यकता होगी ताकि संस्थान को जल्दी स्थापित किया जा सके और वांछित परिणाम देना भी शुरू किया जा सके। इसके तहत मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में फाउंडेशन का गठन किया जाएगा।
इसके अलावा, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संस्थान के लिए एक प्रबंध समिति को भी संस्थान के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री की मंजूरी प्राप्त करने के बाद अलग से अधिसूचित किया जाएगा।
यह फाउंडेशन संस्थान का नाम, इसकी विस्तृत गतिविधियों, कर्मचारियों की भर्ती और संस्थान के पूंजीगत व्यय, संचालन और रखरखाव दोनों से संबंधित अन्य सभी संबंधित निर्णयों को तय करने के लिए पूरी तरह से सशक्त होगा।