बिहार में बीते 10 सालों में SC/ST एक्ट के सिर्फ 8% केस ही मिले सही, CM को सौंपी गई रिपोर्ट

पटना: बिहार में पिछले 10 वर्षों में, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत 67,163 मामले दर्ज किए गए हैं और केवल 8% सही साबित हुए हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई एससी/एसटी एक्ट की समीक्षा बैठक में मिली है।

साथ ही 872 मामलों में कोर्ट ने न्याय भी दिया है। इन मामलों में से केवल 75 मामलों में अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराया है।

बिहार पुलिस के आंकड़ों से पता चला है कि 2020 में अधिनियम के तहत सबसे अधिक 7,574 मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद 2018 में 7,125 मामले और 2017 में 6,826 मामले दर्ज किए गए। जनवरी 2011 और नवंबर 2021 के बीच, 44,150 मामलों में से, में केवल 872 मामलों में ही फैसले सुनाए गए हैं। 

ज्यादा इंतजार बेगुनाहों को नुकसान पहुंचा सकता है

मुकदमों के धीमी गति से निबटारे से कई बेगुनाह लोगों को परेशानी हो रही है। इससे उन परिवारों को मानसिक आघात पहुंचता है जिनके सदस्यों को फर्जी मामलों में फंसाया गया है।

हाल ही में एक युवक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इच्छामृत्यु की गुहार लगाई थी क्योंकि झूठे केस ने उनका करियर खराब कर दिया।

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

‘ब्रजवासियों की इच्छा है योगी कृष्ण नगरी मथुरा से लड़ें चुनाव’: राज्यसभा सांसद का BJP अध्यक्ष को पत्र

Next Story

दिल्ली पुलिस ने ट्विटर से ‘बुल्ली बाई’ ऐप पर ट्वीट करने वालों की मांगी जानकारी, सरकार बोली- कार्रवाई जारी है

Latest from बिहार

रिजर्वेशन बढ़ाने के बिहार सरकार के फैसले को हाईकोर्ट ने किया रद्द, जातिगत जनगणना के बाद लिया गया था निर्णय

पटना- बिहार सरकार के आरक्षण बढ़ाए जाने के फैसले को पटना हाईकोर्ट ने गुरूवार को सुनवाई…