जनसंख्या विस्फोट रोकने के लिए केंद्र बनाए दिशानिर्देश, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की माँग की गई है।

एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी नियमों, विनियमों और दिशानिर्देशों को तैयार करने के लिए केंद्र को निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के पोते फिरोज बख्त अहमद द्वारा दायर एक याचिका दायर की गई है।

याचिका में कहा गया है कि जनसंख्या विस्फोट भारत में 50 प्रतिशत से अधिक समस्याओं का मूल कारण है। जनहित याचिका में केंद्र को सरकारी नौकरियों, सहायता और सब्सिडी, मतदान का अधिकार, चुनाव लड़ने का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, मुफ्त आश्रय का अधिकार आदि के मानदंड के रूप में ‘दो-बाल कानून’ बनाने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।

याचिका में कहा गया है, “सरकार को हर महीने के पहले रविवार को पोलियो दिवस के स्थान पर स्वास्थ्य दिवस के रूप में घोषित करना चाहिए ताकि जनसंख्या विस्फोट के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके और ईडब्ल्यूएस और बीपीएल परिवारों को पोलियो के टीके के साथ गर्भनिरोधक गोली, निरोध, टीके आदि उपलब्ध कराए जा सकें।”

इसमें कहा गया है कि वैकल्पिक राहत के रूप में याचिकाकर्ता ने भारत के विधि आयोग को तीन महीने के भीतर जनसंख्या विस्फोट पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने और इसे नियंत्रित करने के तरीके सुझाने के निर्देश देने की मांग की है। 

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

नर एशियाई हाथियों के व्यवहार पर अध्ययन, मादाओं की तुलना में वयस्क नर एशियाई हाथी कम सामाजिक होते हैं

Next Story

MP में सभी बालक/बालिका आवासीय छात्रावास का नाम होगा ‘नेताजी सुभाष चन्द्र बोस’ के नाम पर होगा

Latest from सरकारी योजनाए

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को नहीं मिल रहा EWS आरक्षण का लाभ, संघर्ष समिति ने उपमुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

रायपुर- छत्तीसगढ़ में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को ईडब्ल्यूएस के तहत 10…