हाथरस: हाथरस में दलित युवती के साथ हुई दरिन्दगी के बाद हुई मौत में एक नया मोड़ आया है। जिसमे पीड़िता के साथ गैंग रेप की बातों को अफवाह व झूठा बताया गया है। वहीं जीभ काटने की बाते भी गलत है।
दिल्ली में हुए पीड़िता की पोस्ट मोर्टेम रिपोर्ट में यह बाते निकल कर सामने आई है। वहीं पोस्ट मोर्टेम रिपोर्ट में मौत का कारण सर्वाइकल इंजरी को बताया गया है जिसमे गर्दन के पास की हड्डी टूट गयी थी। हड्डी टूटने के कारण पीड़िता का दिमाग तो काम कर रहा था लेकिन नीचे का हिस्सा कार्य नहीं कर रहा था।
आपको बता दें कि अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में सही इलाज न मिल पाने के कारण पीड़िता को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां पीड़िता ने आज सुबह 5 बजे दम तोड़ दिया।
मीडिया ने इस घटना को उच्च जाति बनाम दलित बनाने के कारण सभी हदें लांघ डाली थी जिसमे पीड़िता के साथ गैंग रेप व जीभ को काटने की बाते करी गयी थी।
वहीं पहले पीड़िता के भाई की तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 307 यानी जान से मारने की कोशिश का मामला दर्ज किया गया था। इसमें एक आरोपी संदीप को नामजद बनाया गया था। लेकिन इसके बाद जब पीड़िता के 161 और 164 के तहत बयान दर्ज हुए तो उसने अपने साथ रेप और तीन अन्य लोगों का भी नाम लिया। जिसके बाद पुलिस ने गैंगरेप की धारा 376डी बढ़ाते हुए तीन अन्य आरोपियों को भी आरोपी बनाया। खैर पुलिस ने अब चारो आरोपियों पर हत्या के तहत मुकदमा चलाने की बाते कही है।
2001 में भी आरोपियों ने परिवार संग की थी मारपीट, दर्ज हुआ था मुकदमा
साल 2001 में भी आरोपी संदीप और रवि ने पीड़िता के परिवार के साथ मारपीट की थी। एएसपी प्रकाश कुमार ने बताया कि इस मामले में पीड़िता के बाबा की तरफ से मारपीट का मुकदमा दर्ज करवाया गया था। बाद में इस मामले में समझौता हो गया था।
पुरानी रंजिश में आरोपियों ने चारा लेने गयी पीड़िता पर हमला बोलते हुए उसे बुरी तरह घायल कर दिया था जिसके बाद प्रथम पुलिस ने हत्या के प्रयास में मुकदमा कायम किया था।
बाद में मीडिया रिपोर्ट में इसे उच्च जाति द्वारा दलित से गैंग रेप की घटना बना दी गयी जिसके बाद दबाव में पुलिस ने विवेचना कर गैंग रेप का मुकदमा भी जोड़ दिया था। मीडिया दबाव के कारण चन्दन पुलिस स्टेशन के SHO DK वर्मा को लाइन हाज़िर कर दिया गया था।
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