बिहार: बेगूसराय में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या किये जाने के मामले को करीब 1 महीने बीतने को है बावजूद पुलिस को आरोपियों का कोई सुराग नहीं लग सका है। बच्ची को ढूंढने में लापरवाही के बाद पुलिस अब जांच में भी ढुल मुल रवैय्या अपनाये हुए है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस उनके केस में लापरवाही बरत रही है जिसके कारण अब वह CBI जाँच चाहते है। बिहार सरकार से CBI मांग को लेकर परिजनों ने एक पत्र भी प्रेषित किया है।
ज्ञात होकि बेगूसराय जिले के बीरपुर थाना के अंतर्गत आने वाले पासवान बाहुल्य गांव भवानंदपुर में 11 फरवरी की शाम दुकान से बिस्कुट लेने गई पुजारी की 11 साल की लड़की को कुछ लोगो ने अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म के उपरांत अपराधियों ने लड़की की गाला काट कर हत्या कर दी थी। ग्रामीणों को बच्ची का शव लापता होने के तीन दिन बाद बूढ़ी गंडक नदी में उतराता मिला था।
पुलिस दिखाती सक्रियता तो बच जाती मासूम की जान
परिजनों का आरोप है कि काफी गुहार लगाने के बावजूद पुलिस तमाशबीन बनी रही । पुलिस ने एक बार भी बच्ची को ढूंढने का प्रयास नहीं किया। परिजनों के मुताबिक अगर पुलिस समय से बच्ची को ढूंढने में जुट जाती तो आज वह उनके साथ होती।
1 महीने बाद भी आरोपियों को पकड़ने में नाकाम रही पुलिस
घटना को एक महीने बीतने को है मगर पुलिस अभी तक हत्यारोपियों का पता लगाने में नाकाम रहीं हैं। परिजन पुलिस की कारवाई से काफी असंतुष्ट हैं और सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
तत्कालीन दरोगा सस्पेंड फिर भी जांच में कोई गति नहीं
घटना पर जब हमारी टीम ने खबर लिखी तो तत्कालीन बीरपुर थाने के दरोगा सुजीत कुमार को सस्पेंड करके खानापूर्ति कर दी गई। उनकी जगह नए दरोगा घटना की जांच कर रहे हैं मगर जाँच टस से मस नहीं हुई। अभी भी बच्ची के परिजन न्याय के इंतजार में हैं लेकिन न तो सरकार और न ही पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है।
नहीं मिली कोई आर्थिक सहायता
जहां नितीश सरकार दलित की हत्या पर परिजनों को सरकारी नौकरी का वादा कर रही है तो वहीं राज्य की एक बेटी बलात्कार किये जाने के बाद मार दी जाती है। पुजारी पिता को सरकार की ओर से फूटी कौड़ी भी नसीब नहीं हुई। पिता का आरोप है कि अगर इसी जगह लड़की दलित होती तो नेताओ का ताँता व सरकार नौकरी से लेकर सुरक्षा तक मुहैय्या करा देती।
पूजा पाठ करके बच्चो का पेट भरने वाला बच्ची का पिता खो चुका है मानसिक संतुलन
पूजा पाठ करके जो कुछ पैसा मिल जाता है उसी से घर चलाने वाले पुजारी कुंदन मिश्रा इस दुर्दांत घटना से अपना मानसिक संतुलन खो चुके है। गरीबी में जीवन यापन करते हुए भी होनहार बच्ची को पढ़ा रहा कुंदन मिश्रा ने किसी के साथ भी बोलना बैठना बंद कर दिया है।
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