नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने एक बार फिर दोहराया है कि देश में स्वतंत्रता के बाद से एससी एसटी के अलावा जातिवार जनगणना नहीं की गई है।
राज्यसभा में YSR कांग्रेस के सांसद विजयसाईं रेड्डी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि “राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस)” विशेष रूप से देश की जनसंख्या के साथ किसी भी सामाजिक समूह की जनसँख्या का अनुमान लगाने के लिए नहीं बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि घरेलू सामाजिक समूह की जानकारी केवल वर्गीकरण उद्देश्यों के लिए एनएसएस के परिवार आधारित सर्वेक्षण में एकत्र की जाती है।
राय ने आगे कहा कि मंत्रालय इस बात से अवगत है कि आंध्र प्रदेश विधान सभा द्वारा जाति आधारित जनगणना करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया है।
अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जनगणना को लेकर उन्होंने कहा कि जनगणना अनुसूची केंद्रीय मंत्रालयों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श करके तैयार की गई है। जनसंख्या की जनगणना, जाति – वार / अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की जनसंख्या की गणना के लिए एक आदर्श साधन नहीं है।
अंत में मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अलावा जातिवार जनसंख्या की गणना नहीं की है।