जयपुर: राजस्थान सरकार ने हर घर नल से जल योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय वाली बस्तियों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।
अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित विभागों के मध्य समन्वय और योजनाओं की बेहतर मॉनिटरिंग के लिए राज्य स्तरीय समिति की अध्यक्षता की।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम को लेकर अल्पसंख्यक विभाग से जुड़े विभाग प्राथमिकताएं तैयार करें और निश्चित करें कि अल्पसंख्यकों को अधिक से अधिक फायदा मिले। अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मंगलवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अल्पसंख्यक विभाग से जुड़ी योजनाओं की अच्छे से मॉनिटरिंग करें और अल्पसंख्यकों के प्रतिशत के अनुसार दिए गए लक्ष्य को पूरा करें। उन्होंने पीएमजेवीके वं राज्य मद योजनातंर्गत निर्माण कार्य हेतु भूमि आवंटन की वस्तुस्थिति की समीक्षा की और एमएसपी पोर्टल पर शैक्षणिक संस्थाओं के पंजीकरण एवं उनका केवाईसी आदि कार्य पूरा करने का निर्देश दिया।
उन्होंने एकीकृत बाल विकास सेवाओं की समुचित उपलब्धता के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के नामांकित बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं धात्री महिलाओं के पंजीयन को बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों का स्कूलों में नामांकन बढ़ाने को लेकर विशेष अभियान चलाने के भी निर्देश दिए साथ ही समग्र शिक्षा अभियान के तहत मदरसों में छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था करने को भी कहा।
शाले मोहम्मद ने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय के लिए अब तक विभाग की ओर से 48 छात्रावास तैयार किए जा चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अल्पसंख्यक समुदाय के निवास वाली बस्तियों में आधारभूत सुविधाओं को विकसित किया जाए ताकि कोरोना व अन्य महामारियों से बचा जा सकें। हर घर नल से जल योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय वाली बस्तियों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने आईटीआई एवं पॉलिटेक्निक संस्थानों में अल्पसंख्यक छात्राओं के प्रवेश के लिए विशेष योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने गृह विभाग को सांप्रदायिक घटनाओं की रोकथाम हेतु विशेष सतर्कता के निर्देश दिए।
बैठक में स्कूली शिक्षा विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, गृह विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग और स्वायत्त शासन विभाग सहित 27 अलग-अलग विभागों के वरिष्ट अधिकारियों ने भाग लिया।