नई दिल्ली: दिल्ली में किसान आंदोलन के बीच अब किसान नेता राकेश टिकैत का पंडितों व मंदिरों के खिलाफ दिया बयान वायरल हो गया है जिसमें अब सफाई तक देनी पड़ गई।
कल पलवल में आयोजित किसानों की सभा में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि “मंदिर वालों को रोज पूजा जा रहा है, लेकिन वो लोग एक भी दिन भंडारा लगाते नहीं नजर आए। ये लोग कहाँ हैं? इनसे भी हिसाब-किताब ले लो। इनका अता-पता ले लो। हमारी माँ-बहनें इन्हें जा-जा कर दूध दे रही हैं। ये लोग बदले में एक कप चाय भी नहीं पिला रहे हैं। इन सब लोगों को भी पता चलेगा।”
टिकैत ने कहा कि “गाय का बच्चा हो या भैंस का, सबसे पहला दूध पंडित के यहाँ जाता है। लेकिन इनमें से एक भी (प्रदर्शन स्थल) पर कुछ नहीं भिजवा रहे। इनसे बढ़िया तो गुरुद्वारा ही है।”
अंत में पंडितों पर भड़कीले स्वर में कहा कि “देखो सुधर जाओ। पंडित भी सुधर जाओ, जो मंदिर में बैठे हैं। इन पर बहुत चढ़ावा है, इनसे हिसाब-किताब तो ले लो भाई। यहाँ एकाध भंडारा लगवा दो। हम कोई कृष्ण जी के ख़िलाफ़ थोड़ी हैं, लेकिन तुम भंडारा तो लगवाओ। सब हरिद्वार जा रहे हैं, मथुरा जा रहे हैं, एक भी पंडित यहाँ नहीं आ रहा। इलाज इनका सबका होगा। इनकी सबकी लिस्ट बनेगी।”
बता दें कि ये बयान उनके खुद के फेसबुक पेज पर भी सुना जा सकता है। टिकैत के इस बयान के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ब्राह्मण समाज के लोगों सहित देशभर में सोशल मीडिया पर बयान की निंदा की गई। इसके अलावा किसान आंदोलन को मंशा पर भी सवाल खड़े हुए कि किसान के बीच में पण्डित व मन्दिर की कमाई से क्या लेना देना।
आखिरकार लोगों का गुस्सा भांपते हुए राकेश टिकैत ने बयान ने अपने बयान का दूसरा मतलब गिनाया। उन्होंने कहा कि मेरे बयान का आशय मंदिर में पुजारी व ट्रस्ट से ,गुरुद्वारा ‘लंगर’ की भाति मंदिर के पुजारी व ‘ट्रस्ट’ भी आंदोलन मे अपने बैनर के साथ लंगर की सेवा प्रदान करने का आशय था, मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर अन्यथा न लिया जाए। वीडियो को एडिट कर गलत तरीके से पेश ना करें। आंदोलन सभी का है। यह आंदोलन आप सभी के द्वारा ही चलाया जा रहा है।