ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक शहर ग्वालियर और ओरछा को यूनेस्को ने अपने ‘अर्बन लैंडस्केप सिटी प्रोग्राम’ के तहत विश्व धरोहर शहरों की सूची में शामिल किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आज ग्वालियर और ओरछा में यूनेस्को द्वारा ऐतिहासिक नगरीय परिदृश्य सत्र का वी.सी. के माध्यम से शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति, जीवन मूल्य, कला, विरासत पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित करती है। भारत ने हज़ारों साल पहले कहा कि दुनिया एक है। भारत ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया। सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक धरोहरों के कारण मध्यप्रदेश देश का दिल है। मध्यप्रदेश में धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन को यूनेस्को के प्रयासों से बढ़ावा मिलेगा।
आगे उन्होंने कहा कि संगीत सम्राट तानसेन का जन्म ग्वालियर के पास हुआ। ग्वालियर और ओरछा अपनी कला के कारण देश और दुनिया में प्रसिद्ध हैं। मध्यप्रदेश में पर्यटन में पहले से ही अपार संभावना है, लेकिन इस प्रयास से ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओरछा की तो बात ही निराली है। श्री राम, केवल भगवान नहीं, ओरछा के राजा हैं। राम हमारे अस्तित्व हैं। राम हमारे आराध्य हैं। राम हमारे प्राण हैं। राम भारत की पहचान हैं। ग्वालियर और ओरछा का चयन हिस्टॉरिक अर्बन लैंडस्केप डेवलपमेंट के लिए किया गया है। इससे मध्यप्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में विकास होगा और रोज़गार के नए अवसर सृजित होंगे।
अंत में उन्होंने कहा कि सतपुड़ा और भेड़ाघाट का भी चयन किया गया है। पर्यटन ऐसा क्षेत्र है, जिसमें निवेश कम और रोजगार के अवसर अधिक सृजित होते हैं। हम मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में भी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।