सरकारी नौकरियों में SC/ST का प्रतिनिधित्व उनके तय आरक्षण से अधिक हो गया है: मोदी सरकार

नई दिल्ली: लोकसभा में मोदी सरकार के मंत्री बयान में बोले कि SC/ST का प्रतिनिधित्व उनके तय आरक्षण से ज़्यादा हो गया है।

बुधवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि अनुसूचित जाति व जनजाति का प्रतिनिधित्व उनके लिए तय आरक्षण से ज्यादा हो गया है।

आपको बता दे कि युथ फॉर इक्वलिटी संस्था द्वारा सुप्रीम कोर्ट में यह आंकड़े पहले ही पेश किये जा चुके थे जिसके आधार पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से दिशा निर्देश जारी करने के लिए अनुरोध किया था।

कार्मिक मंत्रालय राज्य मंत्री जीतेन्द्र सिंह तोमर ने आज लोकसभा में जानकारी साझा की है जिसमे उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि एससी एसटी का प्रतिनिधित्व केंद्र सरकार की सरकारी नौकरियों में उनके तय प्रतिशत से अधिक हो गया है।

हालांकि ओबीसी का प्रतिनिधित्व उनके लिए तय आरक्षण से कम है जिसे आने वाले एक दो साल में पूरा किया जा सकेगा।
सरकार के मुताबिक 1 जनवरी 2012 को ओबीसी का प्रतिनिधित्व 16.55 प्रतिशत था जो 1 जनवरी 2016 को बढ़ कर 21.57 प्रतिशत पर पहुंच गया था।

उम्मीद की जा रही है की 2019 तक ओबीसी का प्रतिनिधित्व उनके लिए तय आरक्षण के आस पास आ गया होगा।
वही जीतेन्द्र तोमर ने बताया कि 78 मंत्रालयों और विभागों की जानकारी के मुताबिक 1 जनवरी 2016 तक एससी व एसटी का प्रतिनिधित्व क्रमश: 17.49 प्रतिशत व 8.47 प्रतिशत था।

अनुमान लगाया जा रहा है कि 3 सालो में यह आंकड़े क्रमश: 20 व 10 प्रतिशत को पार कर गए होंगे।

आपको बता दे कि एससी व एसटी के लिए 15 व 7.5 प्रतिशत है। केंद्र सरकार ने बीते 4 साल में कुल 63,876 बैकलॉग की भर्तियां की है जिससे इतना उछाल देखने को मिला है।

वही जातिगत राजनीति व नीतियों का विरोध करने वाली संथा युथ फॉर इक्वलिटी ने इन आंकड़ों के बाद फिर दोहराया कि जिस कार्य के लिए आरक्षण व्यवस्था लाई गयी थी वह पूरा हो गया है तो अब इसे समाप्त करने का समय आ गया है।

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