भोपाल: मध्यप्रदेश में भोपाल जिले में प्रशासन ने धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं जिसके अंतर्गत केवल ग्रीन पटाखों के प्रयोग को ही अनुमति दी जाएगी।
सर्वोच्च न्यायालय और राज्य शासन द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट भोपाल अविनाश लवानिया ने धारा 144 के अंतर्गत संपूर्ण भोपाल जिले में लोक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए आगामी आदेश तक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं।
जारी आदेश अनुसार केवल ग्रीन पटाखे एवं reduced emission improved crackers वाले पटाखों के ही निर्माण, भण्डारण, परिवहन, विक्रय एवं उपयोग की अनुमति रहेगी ।
वे पटाखे एवं गतिविधियां जो प्रतिबंधित रहेंगी:
पटाखे जिनके निर्माण मे Barium salt का उपयोग किया गया हो। लड़ी यानी जुड़े हुए पटाखे में बने पटाखें, जिनकी तीव्रता विस्फोटक स्थल से 4 मीटर की दूरी पर 125 डेसिबल से अधिक हो और वे पटाखे जिनके निर्माण मे antimony, lithium, mercury, arsenic, lead, strontium chromate का उपयोग किया गया हो। पटाखों का ई – कामर्स कंपनियां अथवा निजी व्यक्तियों द्वारा आनलाईन विक्रय तथा गैर लायसेन्सी विक्रय घोषित शांति क्षेत्र के भीतर 100 मीटर दूरी तक प्रतिबंधित रहेगा।
दीपावली व गुरूपर्व पर आतिशबाजी की अनुमति रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक एवं क्रिसमस की पूर्व संध्या और नव वर्ष पर मध्यरात्रि 11.55 से 12.30 बजे तक अनुमति रहेगी।
सभी थाना प्रभारी अपने – अपने थाना क्षेत्रान्तर्गत निर्धारित समय का पालन कराना सुनिश्चित करेंगे
सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट, नगर पुलिस अधीक्षक, उपायुक्त नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी, पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन के अधिकारियों का संयुक्त दल अपने – अपने क्षेत्र के आतिशबाजी दुकानो, निर्माण स्थलो, भण्डारण स्थलों इत्यादि का निरीक्षण करेंगे व उच्चतम न्यायालय के निर्णय का अक्षरशः पालन कराना सुनिश्चित करेंगे।
नगरीय क्षेत्रों में नगर पालिका निगम भोपाल एवं नगर पालिका बैरसिया द्वारा व ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों द्वारा इस संबंध में जन – जागरूकता का कार्य वृहद स्तर पर किया जाएगा।
आदेश से व्यथित व्यक्ति कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। अत्यंत विशेष परिस्थितियों में कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट के संतुष्ट होने पर आवेदक को किसी भी लागू शर्तो से छूट दी जा सकेगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।