जयपुर (Raj) : RJS परीक्षा में 50 में से 1 नंबर लाकर भी राजस्थान में मजिस्ट्रेट बन गए हैं !
राजस्थान हाईकोर्ट भर्ती की एक पोस्ट आज कल सोशल मीडिया में ख़ासा वायरल हो रही है, पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि “राजस्थान में फ़िर हुआ कमाल, RJS में चयनित रेणु कुमार मीणा अंग्रेज़ी में 50 में 1 नंबर लाकर बनेंगे मजिस्ट्रेट, आरक्षण का कमाल |”
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वैसे जब बीते दिनों राजस्थान हाईकोर्ट भर्ती 20 18 का रिजल्ट घोषित किया गया था तो उसमें 21 साल के मयंक प्रताप सिंह नें पूरे देश में सुर्खियाँ बटोरी थी | मयंक नें मात्र 21 साल की उम्र में राजस्थान ज्युडिशियल सर्विस की परीक्षा पास की उसमें भी टॉपर बनें और ऐसा करने वाले वो देश के पहले छात्र रहे |
Jaipur’s Mayank Pratap Singh creates history, all set to become the youngest judge in the country. pic.twitter.com/MTJXqRjgcK
— BloombergQuint (@BloombergQuint) December 1, 2019
लेकिन सोशल मीडिया पर दूसरे अभ्यर्थी की पोस्ट भी वायरल हुई जिसमें कुछ अलग ही दावा किया जा रहा है और आरक्षण विरोधी चयन के कारण आरक्षण व्यवस्था को कोष रहे हैं |
RJS में चयनित रेणु कुमार मीणा ने अंग्रेजी विषय में 50 में 1 नंबर लाकर देश का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया!!
2018 PCS
आरक्षण का कमाल ?
क्या ये भारत के प्रतिभाशाली बच्चो की हत्या नही है ??
भारत सरकार को वोट बैंक से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में एक बार जरूर सोचना चाहिए !! pic.twitter.com/Kssz4rbIwJ— Vipul Agrawal (@vipulchuru) December 6, 2019
हमनें वायरल पोस्ट की जाँच करनी शुरू की तो हमें दैनिक भास्कर में एक पोस्ट मिली जिसमें दावा किए गए अभ्यर्थी का चयन दिखाया गया |
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रेणु कुमार मीणा राजस्थान के खेतड़ी क्षेत्र से आते हैं और वो मजिस्ट्रेट बनें है इस तरह से वो अपने परिवार के भी दूसरे मजिस्ट्रेट बनें है | इससे पहले उनकी भाभी भी मजिस्ट्रेट बन चुकी हैं जयपुर में पदस्थ हैं |
अब हमनें रेणु की चयन संबंधी जानकारी जुटानी शुरू की तो हमें कुछ ऐसी जानकरियां मिली जोकि राजस्थान हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की गई थी |
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RJS परीक्षा 2018 में 197 पदों के लिए 7 व 8 सितंबर को मेंस परीक्षा के पेपर आयोजित किए गाए बाद में 19 नवंबर को इन्टरव्यू सहित चयनित सभी 197 अभ्यर्थियों की सूची आ गई |
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जाँच में आगे हमें चयनित अभ्यर्थियों में रेणु का रोल नंबर मिला जिसमें पहला दावा सही निकला कि उनका मजिस्ट्रेट पद में चयन हुआ है | बात आगे बढ़ी उनके मार्कशीट की तो इसको भी आधिकारिक वेबसाइट में से छानकर निकाला |
इस परीक्षा में सभी वर्गों के लिए अलग अलग कट ऑफ़ मार्क्स घोषित किए गए जोकि इस प्रकार हैं : SC – 124, ST – 120, OBC – 136.5 व जनरल – 153 .5 अंक |
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दूसरे तथ्य यानी अंग्रेज़ी में 50 में से 1 नंबर की जाँच की तो रेणु की मार्कशीट में अंग्रेज़ी का नंबर दावा के अनुसार ही 1 नंबर मिला है | आपको बता दें कि RJS में मेंस के 4 पेपर होते हैं LAW – 1 100 नंबर का, LAW – 2 100 नंबर का, LANUAGE – 1 (HINDI) 50 नंबर का LANGUAGE – 2 (ENGLISH) 50 नंबर का और INTERVIEW – 35 नंबर का |
इन सभी को मिलाकर कट ऑफ़ बनता है जोकि रेणु के लिए 120 नंबर था क्योंकि रेणु का रोल नंबर ST श्रेणी में दिखाया गया था |
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अब उनके नंबरों की बात करें तो उन्हें LAW 1 में 100 में से 45, LAW 2 में 100 में से 51.5 , LANGUAGE – 1 (HINDI) में 50 में से 19, LANGUAGE – 2 (ENGLISH) में 50 में से 1 नंबर व INTERVIEW में 35 में से 6 नंबर मिले |
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और इस तरह से अभ्यर्थी के कुल प्राप्तांक 122.5 हो गए यानी ST कट ऑफ़ 120 से ढाई नंबर अधिक हैं लिहाज़ा उनका चयन होना तय हैं |
हालाँकि जिस अंग्रेज़ी विषय में उनके 1 नंबर पर प्रश्न उठा था वो उठाने का सवाल तब बनता था जब ऐसा होता कि आपको हर पेपर में न्यूनतम अंक लाना होगा और यदि ऐसा होता तब अभ्यर्थी का चयन नहीं होता | और पूरी सूची में अंग्रेज़ी में सबसे कम 1 नंबर भी इसी रोल नंबर के मिले बाक़ियों के 1 से ज्यादा 5 तक कम से कम मिले ही |
तो इस तरह से वायरल पोस्ट में किया गया दावा पूरी तरह सही निकला जिसे हमनें हाईकोर्ट में उपलब्ध आधिकारिक सूचियों के तहत जाँचा |
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अब रही बात किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में न्यूनतम अंक की तो हमनें 2018 के NEET में देखा है जहाँ -25 नंबर लाकर भी एडमिशन दिए गए क्योंकि कट ऑफ़ में श्रेणी के तहत उन्हें एडमिशन देना ही होता है | लेकिन ये मुद्दा देश में अक्सर उठता रहा है कि कम से कम प्रतियोगी परीक्षाओं में एक न्यूनतम अंक होना चाहिए जिसके नीचे आने वालों का चयन नहीं हो अन्यथा प्रतियोगिता का तो मतलब ही नहीं |