जयपुर: दलित नेताओ द्वारा ब्लैक लाइव्स मैटर की तर्ज पर राजस्थान हाई कोर्ट स्थित मनु की मूर्ति को तोड़ने के आह्वान पर अब विरोध के सुर जोर पकड़ने लगे है।
पहले संस्था यूथ फॉर इक्वलिटी के राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश इंद्रजीत महंती को परिसर में स्थित मनु की मूर्ति को सुरक्षा प्रदान कराने के अनुरोध के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भी इस मामले में कूद चुके है।
सुप्रीम कोर्ट में वकील अभय कांत मिश्रा ने राजस्थान पुलिस कमिशनर को लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए दलित एक्टिविस्ट प्रोफ़ेसर विलास खरात के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।
फलाना दिखाना को मिली एक कॉपी के अनुसार अधिवक्ता अभय कांत ने विलास खरात के ट्वीट को आधार बनाते हुए उनके विरुद्ध भारतीय दंड विधान की सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराने की अपील करी है।
शिकायतकर्ता के अनुसार “विलास के लगातार ऐसे ट्वीट समुदाय में विभेद उतपन्न करने वाला, ब्राह्मणों को आइसोलेट करने वाला व राष्ट्र में गृहयुद्ध और समाज में फुट डालने वाला वर्ग विशेष की भावनाओं को आहत करने वाला है।
जब जाति सूचक शब्द SCST एक्ट में अजमानतीय अपराध हो जाता है तब पूरे ब्राह्मण समुदाय के विरुद्ध लोगों को भड़काना अपराध कैसे नहीं हो सकता है? इन्ही लोगों के कारण देशभर में ब्राह्मणों और साधुओं की हत्या को प्रोत्साहन मिल रहा है क्योंकि ये समाज के प्रभावशाली बुद्धिजीवी है और इनके कहने लिखने का इनका समाज अनुशरण करता है।
इनके ट्वीट ने संपूर्ण हिन्दू समुदाय के लोगो के धर्म अथवा धार्मिक विश्वास सम्बन्धी धार्मिक भावनाओं को आहत करने व चोट पहुचाने के आशय से धार्मिक घृणा फ़ैलाने का कार्य किया है, साथ ही साथ हिन्दू सामान्य वर्ग की एक जाति ब्राह्मण पर गम्भीर आरोप, समुदाय विशेष के लोगों को जाति के आधार पर विद्वेषपूर्ण ढंग से भड़काने का अपराध कारित किया है।”
मनू का पुतला देखकर आया हु।उसे तोड़ने की योजना है ही। पहले करके बताएंगे और फिर बाद में बोलेंगे।
जब तक मनु का पुतला भारत मे रहेगा वह भारत के संविधान का अपमान ही है।
विदेशी ब्राम्हण कितने नीच है और उन्हें भारतीय संविधान के प्रति कितनी नफरत है इसका यह प्रमाण ही है। pic.twitter.com/lz89VuPLbw— prof.Vilas Kharat (@ProfVilas) June 26, 2020
ज्ञात होकि कि इससे पहले भी विलास खरात द्वारा अभद्र गालिया व ब्राह्मणो पर अश्लील टिप्पणी करने पर हमने एक रिपोर्ट तैयार करी थी जिसके कारण विलास खरात को अपने ट्वीट तक डिलीट करने पड़ गए थे।
ऐसे में विलास खेरात द्वारा मनु की मूर्ति को तोड़ने की बाते करने के बाद का प्रभाव इसी बात से लगाया जा सकता है कि बाहुबली दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद ने भी विलास की बातो को उठाते हुए मनु की मूर्ति को तोड़ने की धमकी तक दे डाली थी।
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