आगरा- एससी एसटी एक्ट के दुरूपयोग का नया मामला उत्तरप्रदेश के आगरा जिले से सामने आया है, जहां पुरानी रंजिश का बदला लेने के लिए 8 अप्रैल को कमला नगर थाने में एक कार डीलर सहित दो अन्य के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया गया था। जो अब पुलिस विवेचना फर्जी व झूठा पाया गया हैं और पुलिस फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहीं हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला?
आपको बता दे कि आगरा के कमला नगर थाने में 8 अप्रैल को दहतोरा सिकंदरा निवासी भूरी सिंह ने कार डीलर अजीम, अफसर खान, रेहान खान और गौरव चौधरी के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें पीड़िता भूरी सिंह कहना था कि उसने आरोपियों से पुरानी कार का सौदा किया था, लेकिन कार पसंद न आने पर जब रूपये वापस मांगे तो कथित आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की और जातिसूचक अभद्रता करते हुए गाड़ी से भी कुचलने की कोशिश की गई।
जिसके बाद पुलिस ने भी कथित पीड़िता भूरी सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया और नामजद सभी आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया, लेकिन कथित आरोपियों ने इस पूरे मामले को साजिश बताया, जिसके बाद पुलिस आयुक्त ने इस पूरे मामले की जांच एसीपी थाना हरीपर्वत को सौंप दी थी।
जांच में सामने आया पुराना विवाद
वहीं हरीपर्वत एसीपी मयंक तिवारी ने बताया है कि इस पूरे मामले की विवेचना में सामने आया कि एससी एसटी एक्ट के तहत आरोपी बनाए गए कार डीलर अजीम सहित अन्य व्यक्तियों का अक्टूबर 2022 में भाजयुमो की एक पूर्व पदाधिकारी के साथ विवाद हो गया था। जिसमें कार डीलर अजीम ने पूर्व पदाधिकारी की कार का सौदा किया था और पैसे लेने के बाद भी उन्हें कार नहीं दी गई थी, जिसके बाद कार डीलर ने मुकदमा दर्ज कराया था और पुलिस ने कार को बरामद कर लिया था।
एसीपी मयंक तिवारी का कहना है कि कार डीलर के द्वारा मुकदमा दर्ज कराने के बाद ही इस फर्जी एससी एसटी एक्ट की साजिश रची गई, प्रथम दृष्टया मुकदमा करने के पीछे का यही विवाद सामने आ रहा है। लेकिन इस पूरे मामले की जांच की जा रहीं हैं। एसीपी मयंक ने आगे बताया कि मामला संदिग्ध लगने पर वह खुद भी जांच के लिए गए थे और जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था, उनसे पूछताछ की तो उन्होंने उक्त घटना के समय घटना स्थल पर न होने के सबूत पुलिस को उपलब्ध कराये हैं।
इतना ही नहीं जब शिकायत दर्ज कराने वाली भूरी सिंह से भी पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि ऋषभ राणा नामक एक व्यक्ति ने उससे संपर्क किया गया था और उसे 12 हजार 500 रूपये भी दिए गए थे। आपको बता दे कि ऋषभ भाजयुमो की पूर्व पदाधिकारी का करीबी बताया जा रहा है, पुलिस जिसकी तलाश कर रहीं हैं।