लखनऊ: महाकुंभ 2025 में किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी की नियुक्ति ने धार्मिक और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “अगर समाज में सशक्तीकरण का यह आधार बनाना है, तो हिमांगी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रमुख या भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष क्यों नहीं बना देते?
“शंकराचार्य की परंपरा का उल्लंघन“
शंकराचार्य ने कहा, “हमारे शास्त्रों और परंपराओं के अनुसार, शंकराचार्य की उपाधि केवल पुरुष दंडी संन्यासियों को ही दी जाती है। महिला या अन्य लिंग के व्यक्ति को शंकराचार्य का स्थान देना संभव नहीं। अगर किसी को प्रोत्साहन के नाम पर महामंडलेश्वर बना दिया गया है, तो भाजपा को हिमांगी सखी को और ऊंचे पदों पर बैठाने में भी संकोच नहीं करना चाहिए।”
योगी आदित्यनाथ की कुंभ तैयारियों पर सराहना
शंकराचार्य ने कुंभ की तैयारियों को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “सड़कें, घाट और बुनियादी ढांचे को लेकर विशेष काम किया गया है। यह सही है कि मुख्यमंत्री अपने किए कार्यों को प्रदर्शित करना चाहते हैं। कुंभ में गंगा स्नान के लिए आमंत्रण देने की परंपरा नहीं है, लेकिन अगर इसे अब प्रचलित किया जा रहा है, तो यह गलत नहीं है।”
‘गाय काटकर पैकेट में बंद कर डॉलर में बिक रही’
सनातन धर्म के मुख्य संदेशों पर बात करते हुए शंकराचार्य ने गोरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, “गाय सनातन संस्कृति और हिंदू पहचान का प्रतीक है। लेकिन दुर्भाग्यवश, गाय सिर्फ काटी ही नहीं जा रही, बल्कि पैकेट में बंद करके विदेशों में डॉलर में बेची जा रही है। महाकुंभ जैसे आयोजनों से यह संदेश जाना चाहिए कि गोरक्षा हिंदू धर्म की प्राथमिकता है।”
हिंदुओं के नेतृत्व पर उठाए सवाल
बांग्लादेश के हिंदुओं की दुर्दशा और अन्यत्र हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर शंकराचार्य ने तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “हिंदू नेतृत्व स्वार्थी और कमजोर है। यही कारण है कि देश और विदेशों में हिंदू प्रताड़ना के शिकार हो रहे हैं। जब अपने नेता उनकी परवाह नहीं करते, तो वे किसी और शक्ति, जैसे अमेरिका के राष्ट्रपति, से मदद की उम्मीद करते हैं।”