सीतापुर: जिले के रेउसा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को तब हंगामा खड़ा हो गया, जब भाजपा के सेउता विधानसभा से विधायक ज्ञान तिवारी थानाध्यक्ष पर भ्रष्टाचार और अपराधियों से मिलीभगत के आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए। विधायक ने पुलिस की लापरवाही और अपराधियों के बेखौफ कारनामों को लेकर पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया। इस धरने के बाद इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बन गई और प्रशासन की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े हो गए।
“अगर हथियार लेकर आ गए और किसी को मार देते तो?”
घटना की शुरुआत गुरुवार देर रात हुई, जब विधायक की किराए पर दी गई दुकान पर अवैध तरीके से कब्जा कर लिया गया। यह दुकान कुलदीप कुमार नामक व्यक्ति ने किराए पर ले रखी थी और वह खाद-बीज का व्यापार करता था। देर रात करीब 2 बजे, 25 लोगों का एक समूह हथियारों से लैस होकर दुकान पर पहुंचा और ताले तोड़कर अंदर से सामान उठा ले गए। यह समूह गैर-समुदाय से संबंधित बताया जा रहा है।कुलदीप ने तत्काल पुलिस को घटना की जानकारी दी, लेकिन किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं मिली। विधायक ज्ञान तिवारी ने भी तीन बार थानाध्यक्ष घनश्याम राम को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। विधायक का कहना था कि “अगर क्रिमिनल हथियार लेकर दुकान पर आए और किसी को मार देते तो? पुलिस कहां सो रही थी?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने इस गंभीर मामले में जानबूझकर कार्रवाई नहीं की।
अटल चौक पर धरना और विधायक का आक्रोश
शुक्रवार सुबह तक पुलिस की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर विधायक ज्ञान तिवारी ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वह अपने समर्थकों के साथ अटल चौक पर पहुंच गए और वहां धरना शुरू कर दिया। उन्होंने थानाध्यक्ष घनश्याम राम पर गैर-समुदाय के लोगों से मिलकर दुकान पर कब्जा कराने का आरोप लगाया और कहा कि “भाजपा सरकार में अगर इस तरह की घटनाएं होंगी तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह काम सपा सरकार में होता था, अब भाजपा के शासन में भी वही हो रहा है।” विधायक ने जोर देते हुए कहा, “मैं तीन बार सुबह से कह चुका हूं कि मौके पर जाओ, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। क्या अब भाजपा सरकार में अपराधी मलाई छानेंगे और सभ्य लोग मारे जाएंगे?” उन्होंने आगे कहा, “पंडितजी लोग मार खाएं और मुल्ले मलाई खाएं, ये नहीं चलेगा।”
विधायक का सख्त संदेश: ‘आज होगा आर-पार’
धरने के दौरान विधायक का गुस्सा और बढ़ गया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “आज आर-पार होगा। डीएम-कप्तान सब आएंगे। थानाध्यक्ष पर कार्रवाई नहीं हुई तो मैं यहीं बैठा रहूंगा। चाहे लाठी चले, चाहे गोलियां चलें, मैं पीछे नहीं हटने वाला। यह पुलिस की लापरवाही और भ्रष्टाचार अब और बर्दाश्त नहीं होगा।” विधायक ने थानाध्यक्ष को भ्रष्ट बताते हुए कहा, “तुम पैसे लेकर दुकानों पर कब्जा करा रहे हो। यह बंद करो। सामान वापस लाओ, नहीं तो यहां से कोई नहीं हटेगा।”
सीओ बिसवां पहुंचे, भारी पुलिस बल तैनात
विधायक के धरने की खबर सुनते ही सीओ बिसवां सतीश चंद्र शुक्ला भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उनके साथ तीन थानों की फोर्स भी आई, जिसमें थानगांव, बिसवां और सकरन थाना की पुलिस शामिल थी। सीओ ने विधायक को शांत करने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा, “हम जांच के बाद कार्रवाई करेंगे और थानाध्यक्ष घनश्याम राम को लाइन हाजिर किया जाएगा।” करीब ढाई घंटे चले इस धरने के बाद भी विधायक तिवारी को मनाने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। अंततः सीओ के आश्वासन के बाद ही विधायक ने धरना समाप्त किया, लेकिन साफ कर दिया कि अगर पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं हुई तो वे आगे भी विरोध करेंगे।
भाजपा सरकार में कानून-व्यवस्था पर सवाल
धरने के दौरान बहराइच-रेउसा मार्ग पूरी तरह से जाम हो गया। विधायक समर्थकों की संख्या लगातार बढ़ती गई और लोग पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे। स्थिति तनावपूर्ण बनी रही, लेकिन सीओ की कड़ी मशक्कत के बाद मामला थोड़ा शांत हुआ।
विधायक ज्ञान तिवारी का यह धरना न केवल पुलिस प्रशासन के लिए एक चेतावनी साबित हुआ, बल्कि यह भाजपा सरकार के शासन में कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करता है। विधायक ने साफ शब्दों में कहा कि भाजपा के शासन में भी अगर ऐसे अपराध होंगे और पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठेगी, तो इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।
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