ग्वालियर- मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का एक चलन सा शुरू हो गया हैं। ऐसा ही एक मामला हमें जिले की भितरवार तहसील में देखने को मिला है, जहां जाटव समुदाय के लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर अंबेडकर की मूर्ति स्थापित कर दी।
पंचायत भवन और पानी की टंकी के लिए चिन्हित की गई थी जमीन
दरअसल मामला भितरवार तहसील के चरखा गाँव का है, जहां सरकार द्वारा नए पंचायत भवन और पानी की टंकी के लिए जमीन चिन्हित की गई थी। जहां बीते दिनों शुक्रवार को जाटव समुदाय के लोगों ने उसी जमीन पर अंबेडकर की मूर्ति स्थापित कर दी, जिसकी जानकारी लगते ही पुलिस प्रशासन ने घटना स्थल पर पहुंच कर स्थापित मूर्ति को वहां से हटा दिया था।
लेकिन इसी दौरान वहां उपस्थित जाटव समुदाय के लोग भड़क गए और हंगामा करते हुए घरों की छतों से पुलिस पर ही पथराव कर दिया, जिसके बाद हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने भी मोर्चा संभाला और भीड़ को बलपूर्वक घटना स्थल से खदेड़ दिया। इतना ही नहीं पुलिस पर हुए पथराव में तीन वाहन और कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।
आपको बता दे कि यह पहली घटना नहीं जब डाॅ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाकर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया गया है, इससे पहले भी भितरवार के गोहिंदा और डबरा के बिलौआ में सरकारी जमीन पर अंबेडकर की मूर्ति स्थापित कर दी गई थी।
प्रशासन आया बैकफुट पर
वहीं घटना के तीन दिन बाद अब प्रशासन भी बैकफुट पर आ गया है और जाटव समुदाय में उत्पन्न आक्रोश और रोष को देखते हुए मूर्ति को पुनः उसी जगह पर स्थापित करने की सशर्त अनुमति दे दी हैं।
इतना ही नहीं लगातार हो रहीं इस तरह की घटनाओं के बाद अब लोगों को अपनी भी जमीन खोने का डर भी सताने लगा है, लोगों का कहना है कि पुराना प्रतिमा विवाद खत्म हुआ ही नहीं था कि एक बार फिर जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की गई हैं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.