नई दिल्ली: CM योगी को ब्राह्मण विरोधी बताने वाली पार्टियों को सुब्रमण्यम स्वामी ने तगड़ा जवाब दिया है।
कुख्यात अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दल योगी आदित्यनाथ को ब्राह्मण विरोधी बता रहे हैं। इस बीच इन आरोपों को लेकर खुद दक्षिण भारत से ब्राह्मण चेहरा व भाजपा राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी सामने आए हैं।
स्वामी ने रामायण का उदाहरण देते हुए योगी को ब्राह्मण विरोधी होने से नकार दिया। उन्होंने कहा कि “यह मूर्खतापूर्ण है कि यूपी के कुछ लोग यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी की इस आरोप पर आलोचना कर रहे हैं कि क्षत्रिय के रूप में उन्हें एक गैंगस्टर दुबे मिला, एक ब्राह्मण मारा गया। रामचंद्र जी भी एक क्षत्रिय थे जिन्होंने असुर मानसिकता वाले ब्राह्मण रावण का वध किया था। लेकिन सभी ब्राह्मण भगवान राम की पूजा करते हैं।”
It is ridiculous that some people in UP are criticising the UP CM Adityanath Yogi on allegation that as a Kshatriya he got a gangster Dubey, a Brahmin killed. Ramchandra ji was also a Kshatriya who killed Ravan, a Brahmin with asura mentality. But all Brahmins worship Lord Rama
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 19, 2020
सरकार ऐसी कोई कार्रवाई न करे जिससे ब्राह्मण भयभीत हों: मायावती
कानपुर पुलिस हत्याकांड के बाद उभरे सामाजिक परिदृश्य पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी बड़ा बयान दिया है।
पहले मायावती ने ब्राह्मण समाज को अपराधी बताने वालों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि “बीएसपी का मानना है कि किसी गलत व्यक्ति के अपराध की सजा के तौर पर उसके पूरे समाज को प्रताड़ित व कटघरे में नहीं खड़ा करना चाहिए। इसीलिए कानपुर पुलिस हत्याकाण्ड के दुर्दान्त विकास दुबे व उसके गुर्गों के जुर्म को लेकर उसके समाज में भय व आतंक की जो चर्चा गर्म है उसे दूर करना चाहिए।”
इसके बाद मायावती ने ब्राह्मण समाज की सामाजिक सुरक्षा की चिंता करते हुए कहा कि “साथ ही, यूपी सरकार अब खासकर विकास दुबे-काण्ड की आड़ में राजनीति नहीं बल्कि इस सम्बंध में जनविश्वास की बहाली हेतु मजबूत तथ्यों के आधार पर ही कार्रवाई करे तो बेहतर है। सरकार ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे अब ब्राह्मण समाज भी यहाँ अपने आपको भयभीत, आतंकित व असुरक्षित महसूस करे।”
अंत में मायावती ने निष्पक्षता से अपराधियों पर कार्रवाई करने की अपील करते हुए कहा कि “इसी प्रकार, यूपी में आपराधिक तत्वों के विरूद्ध अभियान की आड़ में छांटछांट कर दलित, पिछड़े व मुस्लिम समाज के लोगों को निशाना बनाना, यह भी काफी कुछ राजनीति से प्रेरित लगता है जबकि सरकार को इन सब मामलों में पूरे तौर पर निष्पक्ष व ईमानदार होना चाहिए, तभी प्रदेश अपराध-मुक्त होगा।”
1. बीएसपी का मानना है कि किसी गलत व्यक्ति के अपराध की सजा के तौर पर उसके पूरे समाज को प्रताड़ित व कटघरे में नहीं खड़ा करना चाहिए। इसीलिए कानपुर पुलिस हत्याकाण्ड के दुर्दान्त विकास दुबे व उसके गुर्गों के जुर्म को लेकर उसके समाज में भय व आतंक की जो चर्चा गर्म है उसे दूर करना चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) July 12, 2020
10 जुलाई की सुबह कानपुर से 17 किमी पहले भौंती में गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ था।विकास दुबे 2 जुलाई को बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या का मुख्य आरोपी था विकास दुबे। उस पर 60 से अधिक केस दर्ज थे हालांकि एनकाउंटर के बाद से यूपी में योगी सरकार पर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने ब्राह्मण चेतना परिषद के जरिए इस मुद्दे को उठाया है और वो लगातार उत्तरप्रदेश में सभी जिलों के ब्राह्मणों से रुबरु हो रहे हैं।
गौरतलब है कि यूपी चुनावों को लेकर सभी पार्टियों में ब्राह्मण वोटबेंक साधने के लिए उनकी आवाजें उठाना शुरू हो गया है। जहाँ कांग्रेस ने ब्राह्मण चेतना परिषद बनाया है वहीं अन्य दल अब ब्राह्मणों पर हो रहे अत्याचारों को उठा रहे हैं।
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