नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चर्चित बिकरू कांड के एक आरोपी अमर दुबे की नाबालिग पत्नी खुशी दुबे की जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश राज्य के जवाब दाखिल करने के बाद ही कोई राय देगी। इसके अलावा, पीठ ने गिरफ्तारी के समय आरोपी खुशी दुबे की नाबालिग उम्र के संबंध में राज्य का जवाब भी मांगा।
बता दें कि खुशी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया था।
खुशी के वकील व कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने तर्क दिया कि जब उसे गिरफ्तार किया गया था तब वह 17 साल 10 महीने की थी और घटना से कुछ दिन पहले ही उसकी शादी हुई थी। उन्होंने आगे कहा कि खुशी के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी जब वह हिरासत में थी और जमानत आवेदक का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। इसके अलावा, वह अब एक साल से जेल की हिरासत में है।
जेजेबी ने खारिज की थी जमानत
खुशी ने इससे पहले किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के समक्ष जमानत के लिए आवेदन किया था, जिसमें घटना की तारीख को वह 16 साल, 10 महीने और 12 दिन की पाई गई थी। हालांकि जेजेबी ने दो बार आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी किया था खारिज
इसके बाद उन्होंने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 101 के तहत सत्र अदालत में अपील दायर की, जिसे भी खारिज कर दिया गया। इसके बाद खुशी ने उच्च न्यायालय का रुख किया, जहां अदालत ने अपील को खारिज करते हुए कहा कि जिस मामले में आरोपी शामिल है, वह सामान्य प्रकार का नहीं है।