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पहले देवी देवताओं को गाली देने से मना करने पर ठाकुरो को 9 महीने SC-ST एक्ट में भेजा था जेल, अब किया जानलेवा हमला

कानपुर देहात: जिले के गजनेर थाना क्षेत्र के मंगटा गाँव में दलितों द्वारा राजपूत समाज के साथ संघर्ष तेज हो चला है। महीनो से चल रहे विवाद में इस बार राजपूत समाज से आने वाले एक अर्धसैनिक बल के जावन को दलित समाज के लोगो ने पीट पीटकर मरणासन्न कर दिया। जिसके बाद से गंभीर हालात में जवान का इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है। दरअसल घटना 15 मई की है जब जयवीर सिंह अपने खेत से घर की ओर जा रहे थे। रास्ते में उन्हें भुइयादिन मिले जोकि पुराने चल रहे मुक़दमे में आपसी समझौता करने के लिए उन्हें अपने घर ले गए। भुइयादिन के घर पर पहले से ही मौजूद उसके पुत्र लवलेश व अजय ने लाठी डंडो से बुरी तरह पीट पीटकर जयवीर को अधमरा कर दिया। सुचना पर मौके पर पहुंचे जयवीर के पुत्र अभय सिंह ने अचेत पड़े अपने पिता को उठाया और तत्काल इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गए। घायल जयवीर सिंह को सर पर कई जगह गहरे घाव लगे है।

दलित पक्ष से दो लोगों को गिरफ्तार कर शांतिभंग की कार्रवाई की गई। पुलिस ने दोनों को एसडीएम कोर्ट में पेश किया। वहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिए गए। वहीं घायल सीआरपीएफ जवान का कानपुर उर्सला अस्पताल में उपचार हो रहा है।

पहले पीटा फिर लगा दिया एससी एसटी एक्ट
जयवीर सिंह को पीटे जाने के बाद भुइयादिन की तहरीर पर पुलिस ने उस पर एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कर लिया है। जबकि जयवीर सिंह की तहरीर पर जानलेवा हमला करने के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। फ़िलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए गाँव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

बौद्ध कथा को लेकर शुरू हुआ था विवाद
गाँव में चल रहा दलित व ठाकुरो के बीच का विवाद पिछले वर्ष के फरवरी माह आयोजित हुई एक बौद्ध कथा से शुरू हुआ था। दरअसल बौद्ध कथा में गाँव से दलित शामिल हुए थे। आरोप है कि बौद्ध कथा की आड़ में दलितों ने ब्राह्मण, ठाकुरो व हिन्दू देवी देवताओं के विरुद्ध अपशब्दों व अश्लील वाक्यों का प्रयोग किया था। जिसपर गाँव में जमकर विवाद भी हुआ था। विवाद को मौके पर पहुंची पुलिस ने कुछ भी गलत न बोले जाने की शर्त पर ख़त्म कराया था। जिसके बाद रात को बौद्ध कथा में फिर से एक खास वर्ग के खिलाफ अशब्दो का प्रयोग करना शुरू कर दिया था।

विवाद के कारण एससी एसटी एक्ट में 9 माह रहे थे जेल
बौद्ध कथा के बाद शुरू हुए इस विवाद के कारण एससी एसटी एक्ट के मुक़दमे के चलते करीब 20 ठाकुर समाज के लोगो को 9 महीने तक जेल में रहना पड़ा था। वहीं दूसरी ओर से 151 के चालान में भुइयादिन को 1 दिन के लिए जेल जाना पड़ा था। एससी एसटी एक्ट की वजह से आरोपियों को हाई कोर्ट से जमानत प्राप्त करनी पड़ी थी।

क्रिकेट खेलते समय आंबेडकर का पोस्टर फटने पर भी हो चूका है विवाद
गाँव में क्रिकेट खेलते वक़्त बॉल के आंबेडकर पोस्टर पर लगने के कारण भी दलितों और ठाकुरो में विवाद हो चूका है। उस समय भी ठाकुर समाज के अभय सिंह को बुरी तरह दलितों द्वारा पीटा गया था। विवाद को पुलिस ने के बार फिर पहुंच कर शांत कराया था।


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