देवास- मध्यप्रदेश में देवास जिले के नेमावर तीर्थ क्षेत्र में पैंतीस मुस्लिम परिवारों के 190 लोगों ने स्वेच्छा से सनातन धर्म को अपना लिया है, लोगों का कहना है कि हिन्दू धर्म में वापसी करने पर सभी बहुत खुश हैं। चार पीढ़ी पूर्व किसी परिस्थितिवश उनके परिजन मुस्लिम बन गए थे, लेकिन उनके रक्त में हमेशा से ही सनातन धर्म और संस्कृति जिंदा रहीं। जिसके चलते वह कभी भी सनातन धर्म से दूर ही नही हुए।
नर्मदा नदी के किनारे स्थित नेमावर हिन्दूओं का बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान हैं। जहां संत श्री रामस्वरूप दासजी शास्त्री और रतलाम के संत आनंदगिरि की उपस्थिति में सभी लोगों का हिन्दू रीति रिवाज से मुंडन कराकर नर्मदा स्नान कराया गया, इसके बाद यज्ञोपवीत संस्कार व हवन कार्यक्रम संपन्न हुआ। इतना ही नहीं हिन्दू धर्म में वापसी करने वाले सभी 190 लोगों को हिन्दू देवी देवताओं की तस्वीर भेंट कर उनका नामकरण भी किया गया।
धर्मांतरण के बाद भी सनातन धर्म से नही हुए दूर
सनातन धर्म अपनाने वाले परिवारों का कहना है कि हिन्दू बनने के बाद अब उन्हें काफी राहत महसूस हो रहीं है, उन्होंने बताया कि मुस्लिम बनने के बाद भी उन्होंने सनातन धर्म को नहीं छोड़ा और अपनी कुलदेवी चामुंडा का पूजन करते रहें। इतना ही नहीं विवाह सहित अन्य सभी धार्मिक कार्यक्रम भी सनातन संस्कारों के अनुरूप ही होते रहें। जिसके चलते इस्लाम को मानने वाले उनसे नाराज रहने लगे और उनके इस व्यवहार से उन्हें घुटन महसूस हो रहीं थी।
संत श्री आनंदगिरि महाराज ने बताया कि सनातन धर्म अपनाने वाले सभी लोग मूल रूप से रतलाम जिले के आंबा गाँव निवासी है, इनके पूर्वज सनातनी थे और घुमंतू बादी समाज से संबंध रखते थे। ये सभी परिवार भालू या अन्य वन्यजीवों का खेल दिखाकर अपने अपने परिवारों का भरण पोषण करतें थे। आज से लगभग चार वर्ष पूर्व इन्होंने सनातन धर्म में वापसी के लिए संपर्क किया था, जिसके बाद सोमवार को हिन्दू रीति रिवाज से विधिवत वापसी कराकर नामकरण कराया गया हैं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.