पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी द्वारा दिए गए ब्राह्मण विरोधी बयान के बाद भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि एनडीए घटक दलों की ओर से मांझी के खिलाफ कोई बयानबाजी नहीं होनी चाहिए।
पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने सोशल मीडिया पर जारी किए बयान में कहा कि जिसने मांझी जी को धमकी दी, उसे भाजपा ने निलम्बित कर साफ संदेश दिया कि दलित समाज को धमकाने या अपमानित करने वालों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यहां बता दें कि मोदी जिसके निलंबन की बात कर रहे हैं वो बिहार प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य गजेंद्र झा हैं। झा ने मांझी के बयान के बाद उनकी जीभ काटने वालों के लिए इनाम देने की घोषणा कर दी थी। हालांकि प्रदेश भाजपा ने बयान को आपत्तिजनक करार देकर उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया।
सुशील मोदी ने बयान में आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी सबका साथ, सबका विकास और सबका सम्मान सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि जिस बयान को तूल दिया गया, उस पर जब मांझी जी ने माफी मांग ली, अपने आवास पर बुलाकर ब्राह्मणों को सम्मान के साथ भोजन कराया और दक्षिणा देकर विदा किया, तब इस चैप्टर को यहीं बंद हो जाना चाहिए।
अंत में उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य मंत्री जीतन राम मांझी एनडीए के वरिष्ठ नेता हैं। उन पर घटक दलों की ओर से कोई बयानबाजी नहीं होनी चाहिए।
मांझी ने पंडितों को कहा था हरामी
बता दें बीते दिनों जीतन राम मांझी ने पटना में भुइयां में आयोजित मुसहर सम्मेलन में हिन्दू धर्म और पंडितों के प्रति नफरत को जाहिर करते हुए बेहद अपमानजनक शब्द ‘हरामी’ का प्रयोग किया था।
उन्होंने कहा था, “आज कल हमारे गरीब तबके में धर्म की परायणता ज्यादा आ रही है। सत्य नारायण पूजा का नाम हम नहीं जानते थे लेकिन ‘साला’ अब हम लोगों के हर टोला में उनकी पूजा हो रही है। पंडित ‘हरामी’ आते हैं और कहते हैं कि हम खाएंगे नहीं, हमको नगद ही दे दीजिए।”
मांझी ने पंडितों के अलावा भगवान श्री राम पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि “मैं राम को भगवान नहीं मानता, वो काल्पनिक है।”