नई दिल्ली: राम मंदिर के बाद अब राज्यसभा सांसद ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग कर दी है।
लगभग 500 सालों के इंतजार के बाद अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की नींव रखी। इसके बाद से सोशल मीडिया पर भाजपा के अगले एजेंडे के कयास लगाए जाने लगे जिसमें जनसंख्या नियंत्रण कानून सबसे आगे रहा। वहीं अब भाजपा के राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने जनसंख्या विस्फोट रोकने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
सांसद ने अपने बयान में कहा कि “भारत को आत्मनिर्भर व सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाना ही एकमात्र विकल्प है। मेरे अनुसार, अगर भारतवर्ष को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नजरिये के अनुसार आत्मनिर्भर व सर्वश्रेष्ठ बनना है तो जनसँख्या विस्फोट को तत्काल प्रभाव से रोकना होगा।”
राज्यसभा सांसद ने पत्र में प्रधानमंत्री मोदी के साल 2019 के 15 अगस्त वाले उन बयानों को याद दिलाया है जिसमें उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण की बात कही थी। सांसद ने पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री के उन प्रतिज्ञाओं के निभाने का समय आ गया है। आगे उन्होंने प्रधानमंत्री से आगामी संसद सत्र में जनसंख्या नियंत्रण के लिए उचित विधेयक लाने की मांग भी की है।
भारत को आत्मनिर्भर व सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाना ही एकमात्र विकल्प है I मेरे अनुसार, अगर भारतवर्ष को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नजरिये के अनुसार आत्मनिर्भर व सर्वश्रेष्ठ बनना है तो जनसँख्या विस्फोट को तत्काल प्रभाव से रोकना होगा I pic.twitter.com/7b6tRKTdg3
— Dr Anil Agrawal (@AnilagrwalMPBJP) August 9, 2020
शिवसेना सांसद ने राज्यसभा में पेश किया था बिल:
देश में लंबे समय से बहस का हिस्सा रहे जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर संसद के उच्च सदन में राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया गया था। ये बिल जनसंख्या नियंत्रण उपायों के संबंध में संविधान में एक संशोधन करने की मांग करता है। विधेयक राज्य को लोगों को उनके परिवार को बढ़ाने से हतोत्साहित करने और उन्हें अपने परिवार को केवल दो बच्चों तक सीमित रखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रावधान बनाने के उद्देश्य से संविधान में संशोधन करना चाहता है।
शिवसेना सांसद अनिल देसाई द्वारा लाया गया विधेयक संविधान में संशोधन करने का प्रस्ताव करता है जिसमें अनुच्छेद 47A को शामिल किया गया है।
क्या है संविधान का अनुच्छेद 47A :
जो अपने परिवार को दो बच्चों तक सीमित रखते हैं राज्य उन लोगों को कर, रोजगार, शिक्षा आदि में प्रोत्साहन देकर छोटे परिवार के मानदंडों को बढ़ावा देगा। जबकि उन प्रत्येक सुविधाओं को राज्य वापस ले लेगा जो छोटे परिवार के मानदंडों का पालन नहीं करेंगे।
बिल लाने के कारण पर कही गई बातें :
“जनसंख्या विस्फोट हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए कई समस्याओं का कारण होगा। हमें जनसंख्या विस्फोट के बारे में चिंतित होना चाहिए। केंद्र और साथ ही राज्य सरकारों को इससे निपटने के लिए योजनाएं शुरू करनी चाहिए। हमारे प्राकृतिक संसाधनों पर अत्यधिक बोझ हैं। किसी भी देश की विकास दर का देश की जनसंख्या से सीधा संबंध है। हवा, पानी, जमीन, जंगल आदि जैसे प्राकृतिक संसाधनों पर अधिक जनसंख्या का शोषण होता है। आज, हमारी जनसंख्या की वृद्धि पर एक मजबूत नियंत्रण रखने की अधिक आवश्यकता है।”
Shiv Sena MP floats Bill in Rajya Sabha promoting Two-Child Policy to tackle population control [Read the Bill] @ShivSena https://t.co/A6m9KkwWqM
— Bar & Bench (@barandbench) February 12, 2020
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