बहराइच के महसी तहसील के हरदी थाना क्षेत्र में मूर्ति विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच हुए विवाद ने हिंसक रूप धारण कर लिया। इस झड़प में गोलीबारी के दौरान 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई, जो रेहुवा मंसूर गांव के निवासी थे। घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने बहराइच-सीतापुर हाईवे पर जाम लगा दिया और पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया है। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज किया, लेकिन स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है।
गोली लगने से राम गोपाल की मौत
रविवार को बहराइच के महसी तहसील के हरदी थाना क्षेत्र में मूर्ति विसर्जन का जुलूस निकाला जा रहा था। इस दौरान महराजगंज कस्बे में दो समुदायों के बीच अचानक विवाद हो गया। बताया जा रहा है कि दूसरे समुदाय की ओर से पथराव शुरू हुआ, जिसके बाद हालात और बिगड़ गए। पथराव के बीच ही गोलीबारी भी शुरू हो गई, जिसमें राम गोपाल मिश्रा (22) को गोली लगी। राम गोपाल को गंभीर हालत में इलाज के लिए तुरंत मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
गोपाल मिश्रा के साथ मौजूद एक व्यक्ति ने नियो पॉलिटीको से बातचीत में बताया कि उसे अब्दुल अपने घर पर ले गया था जहाँ उसे बुरी तरह मारा गया और गोलियां मारी गई। वहीँ मृतक के नाखून भी उखाड़ दिए गए।
अन्य घायलों में शामिल लोग: राम गोपाल के अलावा 30 वर्षीय राजन को भी गोली लगी, जिससे वह घायल हो गए। पत्थरबाजी के दौरान 22 वर्षीय सुधाकर तिवारी, जो तिवारी पुरवा के निवासी हैं, को सिर में गंभीर चोटें आईं। सिपहिया प्यूली के निवासी 42 वर्षीय दिव्यांग सत्यवान और 52 वर्षीय अखिलेश बाजपेई भी घायल हो गए।
हाईवे पर जाम और मूर्ति विसर्जन में रुकावट
राम गोपाल मिश्रा की मौत से गुस्साए परिजनों और विसर्जन जुलूस में शामिल लोगों ने बहराइच-सीतापुर हाईवे पर जाम लगा दिया। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के बाहर मृतक का शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस विरोध प्रदर्शन के चलते शहर में सभी मूर्ति विसर्जन कार्यक्रम रोक दिए गए। अस्पताल चौराहे पर कई मूर्तियों को खड़ा कर दिया गया, जिससे पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया। लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा था और शहर में अराजकता फैलने की आशंका बन गई थी।
पुलिस और पीएसी की तैनाती
घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर हरदी थाना समेत कई अन्य थानों की पुलिस फोर्स और पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) को तैनात किया गया। जब हिंसा और विरोध प्रदर्शन बढ़ने लगे, तो पुलिस को हालात काबू में करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। लाठीचार्ज के बाद वहां भगदड़ मच गई, लेकिन स्थिति नियंत्रण में नहीं आ सकी। इस बीच, महसी विधायक और जिले के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे ताकि हालात का जायजा लिया जा सके और शांति स्थापित की जा सके।
बहराइच गोलीबारी कांड में अब्दुल हामिद, सरफराज, फ़हीम, साहिर ख़ान, ननकऊ, मरूफ़ के खिलाफ नामजद FIR हुई है।
सांप्रदायिक तनाव चरम पर, लखनऊ में बैठे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को खबर तक नहीं
राम गोपाल मिश्रा की मौत के बाद बहराइच में सांप्रदायिक तनाव चरम पर पहुंच गया। मेडिकल कॉलेज के बाहर लोग “जिंदाबाद-मुर्दाबाद” के नारे लगाने लगे, जिससे माहौल और भी गरम हो गया। इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी लखनऊ में बैठे सीनियर पुलिस अधिकारियों को काफी देर बाद मिली, जिससे प्रशासनिक चूक पर सवाल खड़े हो गए हैं। तनाव के बीच प्रमुख घटनाएं: महराजगंज कस्बे में हुए इस हिंसक विवाद के बाद पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है।
हाईवे पर जाम लगने के कारण बहराइच और सीतापुर के बीच आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया। पुलिस लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और स्थिति को सामान्य करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन तनाव बना हुआ है। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि पुलिस ने कई जगहों पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन स्थिति नाजुक बनी हुई है।
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