यूपी: ब्राह्मण युवती को पत्नी बनाने के लिए दलित व्यक्ति ने दिया झूठा आवेदन, हाईकोर्ट ने लगाया 50 हजार का जुर्माना

लखनऊ- इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले की सुनवाई करते हुए एक दलित व्यक्ति पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है, क्योंकि उसने अपनी कॉलोनी की एक ब्राह्मण लड़की श्रद्धा शुक्ला को अपनी पत्नी बताते हुए कोर्ट में झूठी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। न्यायालय ने पाया कि यह पूरी कार्रवाई समाज में श्रद्धा और उसके परिवार को बदनाम करने की कोशिश से की गई है।

बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका संख्या 149/2024 के रूप में सूचीबद्ध इस मामले की सुनवाई माननीय न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने कोर्ट संख्या 16 में की। याचिकाकर्ता शिवम गौतम ने अपने वकील ओपी तिवारी के माध्यम से दावा किया था कि श्रद्धा शुक्ला उनकी पत्नी हैं। 31 मई 2024 के पिछले आदेश के अनुपालन में श्रद्धा शुक्ला भी अपने पिता के साथ कोर्ट में उपस्थित हुईं। श्रद्धा शुक्ला और उसके पिता मनोज शुक्ला को उपनिरीक्षक जगमोहन यादव और महिला कांस्टेबल साधना पाल, थाना गंगा घाट, जिला उन्नाव से लेकर आए। साथ ही आरोपी शिवम गौतम भी अपने अधिवक्ता के साथ कोर्ट में उपस्थित हुआ।

कोर्ट की कार्यवाही के दौरान शिवम गौतम ने श्रद्धा शुक्ला के पक्ष में 15,000 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट सौंपा, ताकि अदालत में पेश होने के लिए उनके खर्च को पूरा किया जा सके। जो कि श्रद्धा ने अदालत में प्राप्त किया। सुनवाई के दौरान श्रद्धा शुक्ला ने गवाही दी कि वह शिवम गौतम को उसी के मोहल्ले में रहने वाले के रूप में जानती थी, लेकिन उसने उससे शादी कभी नही की। उसने दावा किया कि यह याचिका जाली और मनगढ़ंत दस्तावेजों का उपयोग करके उसकी और उसके परिवार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का एक दुर्भावनापूर्ण प्रयास है। जिसके बाद श्रद्धा ने अदालत से शिवम गौतम पर उसके अपमानजनक कार्यों के लिए जुर्माना लगाने का अनुरोध किया।

याचिकाकर्ता शिवम गौतम के वकील की तमाम दलीलों के बावजूद कि श्रद्धा और शिवम के बीच दोस्ती थी और श्रद्धा बालिग है, अदालत इससे बिल्कुल भी सहमत नहीं थी। न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने कहा कि शिवम गौतम के साथ किसी भी तरह की शादी से श्रद्धा का साफ इनकार दर्शाता है कि याचिका पूरी तरह से निराधार है और इसका उद्देश्य केवल उसे बदनाम करना है। जिसके बाद कोर्ट ने शिवम गौतम पर श्रद्धा शुक्ला और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया और शिवम गौतम को अगली सुनवाई की तारीख यानी 11 जुलाई, 2024 तक श्रद्धा शुक्ला के नाम पर 50,000 रुपये का ड्राफ्ट पेश करने का आदेश दिया है।

ऐसा न करने पर उसे तत्काल गिरफ़्तार कर लिया जाएगा, जैसा कि सब-इंस्पेक्टर जग मोहन यादव को निर्देश दिया गया है। ड्राफ्ट श्रद्धा के पिता मनोज शुक्ला द्वारा लिया जाना है। अदालत ने श्रद्धा शुक्ला को अगले आदेश तक अदालत में पेश होने से छूट दी और सब-इंस्पेक्टर यादव को अगली सुनवाई में शिवम गौतम की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा।    

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