UP: मंदिर की घंटी से ध्वनि प्रदुषण का नोटिस, लोगों को कम बजाने का निर्देश, विरोध के बाद नोटिस वापस

लखनऊ: ग्रेटर नोएडा की गौड़ सौंदर्यम सोसाइटी में एक मंदिर की घंटी को लेकर यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने विवादित नोटिस जारी किया है, जिसके बाद सोसाइटी के लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की जांच में मंदिर की घंटी की आवाज को ध्वनि प्रदूषण मानकों से अधिक पाया गया था, जिस पर बोर्ड ने अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन (AOA) को घंटी की आवाज कम करने का निर्देश दिया।

क्या है मामला?

गौड़ सौंदर्यम सोसाइटी के 2 टावरों के बीच स्थित ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ मंदिर में सोसाइटी के लोग नियमित रूप से पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर में लगी बड़ी घंटी पूजा के दौरान बजाई जाती है। मंदिर की घंटी की आवाज से सोसाइटी के एक सदस्य को असुविधा हो रही थी, जिसकी शिकायत मुदित बंसल नाम की मेल आईडी से पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को भेजी गई।शिकायत के आधार पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 5 अगस्त को जांच की, जिसमें घंटी की आवाज 72 डेसिबल पाई गई, जबकि ध्वनि प्रदूषण के नियमों के अनुसार, यह दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल से अधिक नहीं होनी चाहिए। जांच के बाद, बोर्ड ने अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन को नोटिस जारी कर घंटी की आवाज को कम करने का आग्रह किया।

सोशल मीडिया पर विरोध

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के इस नोटिस के बाद सोसाइटी के लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। AOA ने सोसाइटी के वॉट्सऐप ग्रुप और नोटिस बोर्ड पर एक सूचना जारी कर लोगों से घंटी को धीरे और कम समय के लिए बजाने का अनुरोध किया, जिससे लोगों की नाराजगी और बढ़ गई। सोशल मीडिया पर लोगों ने बोर्ड के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि फैक्ट्रियों और अन्य प्रदूषण के स्रोतों को नजरअंदाज कर मंदिर की घंटी पर कार्रवाई करना गलत है।

बोर्ड ने विरोध के बाद आदेश वापस लिया

मामला बढ़ता देख, यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डीके गुप्ता ने बताया कि लोगों के विरोध के चलते आदेश को वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ निवासियों की शिकायत पर जांच की गई थी और घंटी की आवाज मानकों से अधिक पाई गई थी, इसलिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन अब इसे रद्द कर दिया गया है।

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोग इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर देख रहे हैं। अखिलेश तिवारी ने X पर लिखा, “प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हद कर दी… लगता है कि नोएडा को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त कर दिया है, तभी अब मंदिर की घंटी पर पाबंदी लगाई जा रही है।” इस विवादित मामले ने प्रशासन और लोगों के बीच एक नया मुद्दा खड़ा कर दिया है।

Nancy Dwivedi
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Nancy Dwivedi reports for Neo Politico.

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