लखीमपुर खीरी: उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में समैसा गांव की महिलाओं के एक समूह ने कोविड के दौरान लखीमपुर खीरी में एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई।
महिलाओं द्वारा केले के तने से फाइबर का निर्माण किया जा रहा हैं। इस फाइबर का उपयोग चटाई, दरी और हैंडबैंग जैसी तमाम वस्तुओं को बनाने में किया जाता है।
पीएम “मन की बात ” में कर चुके हैं तारीफ
पीएम नरेंद्र मोदी ने महिलाओं द्वारा की गई इस अनूठी पहल की तारीफ अपने मन की बात कार्यक्रम में कर चुके हैं।
क्षेत्राधिकारी अरूण कुमार सिंह और सीडीओ अरविंद सिंह के मार्गदर्शन में गाँव की महिलाओं द्वारा केले के बेकार तनों से फाइबर बनाने के काम को शुरू किया गया।
केले के तने को काटकर मशीन की मदद से तैयार किया गया फाइबर, जूट या सन की तरह होता है। इस फाइबर के प्रयोग से हाथ बैग, चटाई, दरी, कितनी ही चीजें बनाई जा सकती हैं।
केले का कचरा बना कमाई का जरिया
केले के तने से फाइबर बनाने की इस अनूठी पहल से स्थानीय महिलाओं को चार सौ से छह सौ रुपये प्रतिदिन का मिल जाता हैं।
लखीमपुर खीरी में सैकड़ों एकड़ जमीन पर केले की खेती होती है। केले की फसल के बाद आम तौर पर किसानों को इसके तने को फेंकने के लिए अलग से खर्च करना पड़ता था। लेकिन इस अनूठी पहल के बाद अब उनके ये पैसे भी बच जाते है। इस काम से एक स्थानीय महिला को 400-600 रुपये प्रतिदिन की कमाई हो जाती है।
महिलाओं द्वारा की गई पहल के बाद एक कहावत बहुत ही सटीक बैठती हैं कि “आम के आम, गुठलियों के दाम”।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.