UP: 5 दशक पुराने शिव मंदिर का खुला कपाट: नंदी महाराज गायब, जांच की मांग - नियो पॉलिटिको

UP: 5 दशक पुराने शिव मंदिर का खुला कपाट: नंदी महाराज गायब, जांच की मांग

अलीगढ़: 49 साल बाद के सराय रहमान इलाके में एक प्राचीन शिव मंदिर का अस्तित्व सामने आया है। दशकों से बंद पड़े इस मंदिर की खोज के बाद बुधवार को यहां विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। मंदिर में शिवलिंग मिलने के बाद स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसका जीर्णोद्धार करने और इसे धार्मिक केंद्र के रूप में पुनर्स्थापित करने का संकल्प लिया।

मंदिर की खोज: दशकों से छिपा था अस्तित्व

सराय रहमान, जो एक मुस्लिम बहुल इलाका है, वहां 49 साल पुराने इस शिव मंदिर का अस्तित्व दशकों से छिपा हुआ था। बुधवार को इसकी जानकारी मिलते ही हिंदू संगठनों ने इसे खोलने की मांग की। पूर्व मेयर शकुंतला भारती और करणी सेना सहित कई संगठन तुरंत मौके पर पहुंचे। मंदिर की खोज के बाद बन्नादेवी थाना प्रभारी पंकज मिश्रा अपनी टीम के साथ पहुंचे। पुलिस की निगरानी में मंदिर की सफाई कराई गई, जिसमें शिवलिंग मिला। स्थानीय लोगों ने इसे देखते ही पूजा-अर्चना शुरू कर दी। शिवलिंग की उपस्थिति ने इस स्थल को फिर से आस्था का केंद्र बना दिया।

हिंदू संगठनों ने संभाला मोर्चा

शाम को अचलताल के महंत योगी कौशलनाथ और बजरंग दल के संयोजक गौरव शर्मा समेत अन्य हिंदू संगठन मंदिर पहुंचे। उन्होंने शिवलिंग की विधि-विधान से पूजा कराई और हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। इस दौरान स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मंदिर में जुटे। महंत ने घोषणा की कि अब मंदिर में नियमित पूजा होगी और यह स्थान आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा।

गायब मूर्तियों और कुंए की जांच की मांग

मंदिर में शिवलिंग के अलावा अन्य मूर्तियां नहीं मिलीं। बजरंग बली की खंडित मूर्ति के अवशेष जरूर मिले हैं, लेकिन नंदी महाराज और शिव परिवार की मूर्तियां गायब हैं। महंत योगी कौशलनाथ ने प्रशासन से इन गायब मूर्तियों की जांच की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि प्राचीन समय में हर मंदिर के पास एक कुंआ होता था, जो यहां भी हो सकता है। इसके अस्तित्व की भी जांच की जानी चाहिए। यह भी संभावना है कि मंदिर के आसपास की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया हो। हिंदू संगठनों ने मंदिर की मरम्मत और रंग-रोगन का काम शुरू करने का फैसला किया है। दशकों तक उपेक्षित इस मंदिर को अब धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। संगठन यह सुनिश्चित करेंगे कि स्थानीय लोग यहां आकर पूजा-अर्चना कर सकें। मंदिर के प्रांगण को भी साफ-सुथरा और सुंदर बनाया जाएगा, जिससे श्रद्धालु आराम से पूजा कर सकें।

भक्तिमय माहौल: पूजा में जुटे सैकड़ों श्रद्धालु

पूजा और हनुमान चालीसा पाठ के दौरान सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। शिवलिंग की पूजा और भजन-कीर्तन से माहौल भक्तिमय हो गया। स्थानीय निवासियों ने इसे क्षेत्र के लिए शुभ संकेत बताया। उन्होंने कहा कि यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि सामुदायिक एकता का प्रतीक भी होगा। श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर के दोबारा खुलने से इलाके में सकारात्मकता और ऊर्जा का माहौल बना है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही मंदिर का पुनर्निर्माण पूरा होगा और इसे एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में पहचाना जाएगा। मंदिर की मरम्मत के बाद इसमें नियमित पूजा-पाठ होगा। इसके अलावा यहां शिव परिवार की मूर्तियां दोबारा स्थापित की जाएंगी। मंदिर के इतिहास को भी स्थानीय लोगों को बताया जाएगा, ताकि इसे सांस्कृतिक धरोहर के रूप में देखा जाए।

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