लखनऊ: दुबग्गा गांव में एक दिल दहलाने वाली वारदात में 75 वर्षीय कथा वाचक हरिशरण महाराज की घर में ही निर्मम हत्या कर दी गई। घटना के समय महाराज की पत्नी पास के घर में थीं, जिन्होंने कुछ संदिग्ध आवाजें सुनकर घटना की सूचना दी।
घटना की रात हरिशरण महाराज की पत्नी रामश्री, जो पास में ही बेटी रजनी के घर पर थीं, ने कुछ लोगों के टीन पर चढ़ने की आवाज सुनी। रामश्री ने पहले अपने पति को फोन किया, लेकिन कोई जवाब न मिलने पर वह उनकी खोज में घर गईं। मोबाइल की टॉर्च जलाकर उन्होंने देखा कि हरिशरण महाराज जमीन पर लहूलुहान पड़े हैं। डरते-डरते उन्होंने तुरंत बेटे उमाशंकर को फोन कर जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घर को घेर लिया और किसी को अंदर जाने नहीं दिया। उमाशंकर ने बताया कि उनके पिता के सिर पर किसी भारी वस्तु से वार किया गया था।
हरिशरण महाराज के पास लखनऊ में कुल पांच मकान हैं, जिनमें से एक में वह अकेले रहते थे। बाकी मकानों में उनके चार बेटे अलग-अलग परिवारों के साथ रहते हैं। पुलिस की जांच में इस तथ्य पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि इतनी संपत्ति के बावजूद हरिशरण महाराज अकेले क्यों रहते थे। बेटे उमाशंकर का आरोप है कि पुलिस इस हत्या के मामले को हल्के में ले रही है और कमजोर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर इसे रफा-दफा करने की कोशिश कर रही है। उमाशंकर ने कहा, “हम सिर्फ न्याय चाहते हैं, पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
चोरी या लूट का संकेत नहीं
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि घर में लूट या चोरी का कोई सबूत नहीं मिला। हरिशरण महाराज के मोबाइल और अन्य कीमती सामान सुरक्षित पाए गए। पुलिस ने इसे एक सुनियोजित हत्या करार देते हुए कहा कि घर में जबरदस्ती प्रवेश के निशान भी नहीं मिले। एडीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव के अनुसार, हत्यारों का मकसद महज हत्या करना था, और इसके पीछे निजी रंजिश या संपत्ति विवाद जैसे कारण हो सकते हैं।