नईदिल्ली : रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस सरकार नें गांधी परिवार सहित 2 पूर्व PM के की SPG सुरक्षा में 6 साल में 1.8 हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए थे।
शुक्रवार को केंद्र सरकार नें एक अहम फ़ैसले में गांधी परिवार की SPG सुरक्षा वापस लेने का फ़ैसला किया है। जिसे कांग्रेस नें गांधी परिवार से मोदी शाह की ओछी व नफ़रत वाली राजनीति करने की बात कही।
SPG को लेकर ख़बरों की बाज़ार में चर्चा गरम है लोग एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप की छौंक मार रहे हैं। इससे दूर तलक व सबसे अलग फलाना दिखाना की टीम नें SPG बजट पर एक ख़ास रिपोर्ट तैयार की है। आपके मन में पहला प्रश्न होगा SPG क्या है इसका जवाब है Special Protection Group (विशेष सुरक्षा बल) जिसमें बेहद प्रशिक्षित, हथियारों से लैस 3,000 सशस्त्र सुरक्षा बलों का समूह होता है जो सिर्फ़ देश के प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री व इनके परिवार को मिलता है। अब दूसरा प्रश्न होगा 3 हज़ार विशेष बलों वाली SPG क्यों बनीं ? जवाब है पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में हत्या ! बाद में तत्कालीन सरकार द्वारा गठित एक समिति नें देश के प्रधानमंत्री की सबसे आधुनिक व विशेष सुरक्षा देने की जरूरत बताई। साल 1988 में राजीव गांधी वाली कांग्रेस सरकार में संसद से SPG एक्ट पास कराया गया और इसी के अंतर्गत SPG बनीं। हालांकि साल 91 तक SPG सुरक्षा की समयसीमा 1 साल थी इसी दौरान 91 में ही एक और प्रधानमंत्री यानी राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। इसके बाद SPG में कुछ खामियां नज़र आईं तो 91 में SPG एक्ट में संशोधन भी किया गया जिसके अंतर्गत SPG का कार्यकाल 10 सालों तक बढ़ाया गया। हालांकि इसमें नियम है कि साल दर साल SPG सुरक्षा का मुआयना कर कम ज़्यादा किया जा सकता है। अगला प्रश्न होगा इतनी भारी भरकम सुरक्षा है तो बहुत पइसा भी लगता होगा ? इसका जवाब है हाँ बहुत ज़्यादा करोड़ों लगते हैं। फ़िलहाल SPG का सलाना (2019-20) बजट 535 करोड़ है जबकि जुलाई 2019 में ही मोदी सरकार नें SPG के 2018-19 वाले 412 करोड़ 535 करोड़ कर दिया था। अब प्रश्न होगा ये SPG अभी किसके किसके पास है ? जवाब है ताज़ा मामले में केवल देश के प्रधानमंत्री यानी मोदी के पास ही है। जबकि कल तक देश में 4 लोगों को थी ख़ुद PM, बाकी तीन गांधी परिवार से राहुल, प्रियंका व सोनिया गांधी । हालांकि कुछ महीने ही मनमोहन सिंह की भी SPG सुरक्षा वापस ली गई थी। अब इसके अलावा हमनें एक ख़ास आँकड़ा भी तैयार किया है जोकि अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की छपी एक रिपोर्ट पर आधारित है। रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार से पहले कांग्रेस सरकार नें दो पूर्व प्रधानमंत्रियों सहित गांधी परिवार की SPG सुरक्षा में 6 साल में 1800 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
SPG expenses balloon in last decade, Rs 1,800 crore spent on 5 protectees since 2004 http://t.co/DZak29Wt
— Dibang (@dibang) October 10, 2012
और ये सुरक्षा गांधी परिवार के तीन सदस्यों (राहुल, प्रियंका व सोनिया गांधी), पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को 2004 से UPA 1 & 2 सरकार द्वारा दी गई थी। दिलचस्प बात ये रही कि इन 5 VVIP को SPG सुरक्षा देने के लिए एसपीजी पर खर्च किया गया पैसा UPA के शासन में चार गुना हो गया था। जबकि वर्ष 2004-05 में SPG पर केवल 97 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, जिस वर्ष UPA सत्ता में आया था।
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