वाशिंगटन – कोरोना वायरस महामारी के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है.
सभी देशों की आर्थिक स्थिति कोरोना काल से अब तक बिगड़ी हुई हैं. दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका की स्थिति भी डगमगा गई हैं. जिसके चलते भारत ने अमेरिका को 216 अरब डॉलर यानी करीब करीब 15 लाख करोड़ का कर्ज दिया हुआ है.
सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कर्ज में
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका (United states of America) पर पिछले दो दशकों में देखा जाए तो अमेरिका पर कर्ज का भार तेजी से बढ़ा है.
वेस्ट वर्जीनिया का प्रातिनिधित्व करने वाले अमेरिकी सासंद एलेक्स मूनी बताते हैं कि वर्ष 2020 में अमेरिका का कुल राष्ट्रीय कर्ज भार 23400 अरब डॉलर था. यानी प्रत्येक अमेरिकी पर औसतन 72309 डॉलर (52 लाख रूपये) से ज्यादा का ऋण था.
दो दशक में चार गुना कर्ज
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में बाइडेन सरकार के करीब दो हजार अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज का विरोध करते हुए वेस्ट वर्जीनिया का प्रातिनिधित्व करने वाले सांसद एलेक्स मूनी ने यह सब जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की और कहा कि कोरोना काल ही नही बल्कि पिछले दो दशकों से ही अमेरिका कर्जदार बना हुआ हैं.
उन्होंने कहा सन् 2000 में अमेरिका पर 6 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज था. जो अब 2021 तक चार गुना से भी ज्यादा 29 ट्रिलियन डॉलर (29 लाख करोड़ डॉलर) तक होने की संभावना है.
वर्तमान में कर्जदाता देश
अमेरिकी सासंद मूनी ने बताया कि वर्तमान में अमेरिका पर 29 ट्रिलियन डॉलर (290 खरब डॉलर) का कर्ज हैं. रिपोर्ट की माने तो हर अमेरिकी पर (60 लाख) से ज्यादा का कर्ज हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका पर सबसे ज्यादा चीन का 1000 अरब डॉलर से अधिक का कर्ज बकाया है. अमेरिका ने जापान से भी 1000 अरब डॉलर से अधिक का कर्ज ले रखा हैं.
उन्होंने कहा अमेरिका पर ब्राजील का 258 अरब डॉलर और भारत का 216 अरब डॉलर तक का कर्ज बकाया हैं. सांसद मूनी ने कहा हमारे विदेशी ऋणदाताओं की यह सूची काफी लंबी हैं.
Kapil reports for Neo Politico Hindi.