भोपाल (MP): धर्मांतरण के बाद आदिवासियों के लाभों को बंद करने की माँग VHP ने उठाई है।
देश में धर्मांतरण के मुद्दे पर सबसे मुखर होकर विरोध करने वाली VHP अब झारखंड सहित आदिवासी बहुल राज्यों में मिशनरियों की ओर से चल रहे धर्मांतरण के खेल को रोकने के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) अभियान चलाएगी।
हिंदी अखबार दैनिक जागरण की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि भोपाल में आयोजित एक बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक के मुखिया मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि “अंतरराष्ट्रीय योजनाओं के अंतर्गत देश में हो रहे धर्मांतरण को रोकना होगा। साथ ही जो धर्मांतरित हो गए हैं, उनकी घर वापसी करानी होगी। अब तक ये काम जिस गति से होने चाहिए, उस गति से नहीं हो पाए। अबतक हमारी ज्यादा ऊर्जा श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में लगी रही। अब यह कार्य सफल हुआ, तो हमको धर्मांतरण रोकने और नैतिक व सांस्कृतिक मूल्यों के विकास पर ध्यान देने के काम पर लगना होगा।”
आदिवासियों को दोहरा लाभ के लिए:
धर्मांतरण पर चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि मिशनरियां आदिवासियों के धर्मांतरण पर जोर देती हैं। वहीं, धर्मांतरण के पीछे जिस गरीबी का हवाला दिया जाता है, वह गरीबी तो मुसलमानों में हैं। फिर मिशनरियां उनका धर्मांतरण क्यों नहीं कराती है। निष्कर्ष में यह बात सामने आई कि आदिवासियों का धर्मांतरण कराने के बाद भारतीय संविधान के तहत उसे दोगुना फायदा होता है। पहला आदिवासी होने का लाभ मिलता है और दूसरा ईसाई बनने के बाद अल्पसंख्यक का भी लाभ मिलने लगता है।
धर्मांतरित आदिवासी को दोहरा लाभ नहीं: VHP
इसलिए बैठक में मांग की गई कि सरकार को ऐसा कानून बनाना चाहिए कि धर्मांतरित आदिवासी को दोहरा लाभ नहीं मिले। वैसे धर्मांतरण को रोकने के लिए आदिवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। उन्हेंं कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर भारत अभियान से जोडऩे का काम किया जाएगा। संतों का गांवों में प्रवास बढ़ाया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि विहिप के कार्यकर्ता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं समाज के अन्य वर्गों के बीच सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए काम करेंगे।
वीरेंद्र विमल, क्षेत्र मंत्री, विहिप ने कहा कि “धर्मांतरण रोकने के लिए काम तो कर ही रहे हैं। सरसंघचालक के आव्हान के बाद और तेजी से इस काम को करेंगे। जो लोग गलती से दूसरे धर्म को स्वीकार कर लिए हैं और अब अपने धर्म में वापस आना चाहते हैं, उनके लिए घर वापसी का व्यापक अभियान चलाएंगे।”
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