लखनऊ (UP) : ब्राह्मणों द्वारा दलितों को जूता-माला पहनाने की वायरल हो रही घटना पूरी तरह से निराधार है। सोशल मीडिया पर भीम आर्मी चीफ ने एक वीडियो साझा कर एक बार फिर दलित व सवर्णो को आपस में लड़ाने का प्रयास किया है।
ताजा उदाहरण है उत्तरप्रदेश के लखनऊ स्थित PGI थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले बरौली खलीलाबाद गांव की घटना का। घटना सोशल मीडिया पर इस तरह वायरल की गई कि ब्राह्मणों ने दलितों को तार से बांधा, जूते चप्पल की माला पहनाई और पूरे गांव में घुमाया।
यानि कुल मिलाकर सोशल मीडिया वालों ने इसे ये दिखाना चाहा कि ये मामला जातीय हिंसा है ।
हमारे न्यूज पोर्टल नें अपनी जिम्मेदारी समझी और इस वायरल घटना की तफ्तीश शुरू की। एडिटर शिवेंद्र तिवारी ने सीधे लखनऊ PGI थाना के SHO से सीधे संपर्क किया।
हमारा सवाल था क्या ये घटना जातीय हिंसा थी ?
SHO नें घटना के बारे में साफ कहा कि इसे घुमाया जा रहा है। वीडियो में दिख रहे लोग केवल दलित नहीं बल्कि एक ओबीसी भी है। इससे बड़ी बात की वीडियो में जिन्हें बंधक बनाया गया है ये चोर थे।
वीडियो में दिखने वाले तीनों ने गांव के ही एक ब्राह्मण परिवार के यहाँ चोरी की और आसपास के लोगों ने पकड़ लिया। जब लोगों ने इन्हें चोरी करते पकड़ा तो 4 लोग थे जिनमें से दो दलित, एक ओबीसी और एक मिश्रा भी था। चोरी करते पकड़ लिया तो उसमें ब्राह्मण, यादव, गुप्ता सभी बिरादरी के लोगों ने पकड़ा।
हालांकि जिन लोगों ने सभी चोरों को पकड़ा उनमें से एक जो मिश्रा था वो भाग निकला और फरार हो गया बचे तीन लोग जोकि वीडियो में दिख रहे हैं उन्हें गांव वालों ने खुद सजा देना सही समझा जोकि कानूनी रूप से गलत ही है हालांकि ये मामला जातीय पूर्वाग्रह से नहीं बल्कि चोरी के कारण था।
चोरी में पकडे गए चारो आरोपी में उपवन मिश्रा, हंसराज लोधी, दिलीप व राकेश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जिनके पास से 1 टेबल व एक मोबाइल फ़ोन मौके पर मौजूद जनता ने पकड़ा था जिसके बाद जैसा भारत में अक्सर जैसे होता है, चोरो को जनता ने खुद सजा देना बेहतर समझा। जिसकी वीडियो इसलिए बनाई गयी ताकि ऐसा कृत्या दुबारा कोई न कर सके।
स्थानीय पुलिस ने अब घटना को संज्ञान में लेकर दोनों पक्षों की गिरफ्तारी की है और आगे की विधिक कार्रवाई भी की जा रही है।
यानी फ़लाना दिखाना की तफ्तीश में साफ हुआ है कि ये सोशल मीडिया की घटना में जातीय हिंसा का एंगल निराधार था। दोनों पक्षों ने अपराध किया वहीं दोनों की गिरफ्तारी भी बिना जातिगत आधार पर हुई है। साथ ही भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण का कहना कि “लखनऊ में ब्राह्मणवादियों द्वारा तीन दलितों के साथ बर्बरता पूर्ण कृत्य पर अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। 24 घण्टे के अंदर अगर गिरफ्तारी नहीं हुई तो इसके खिलाफ प्रदेश स्तरीय आंदोलन होगा” पूर्णतः फर्जी है।
Donate to Falana DIkhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। Paytm, PhonePe, Bhim UPI, Jio Money, व अन्य किसी वॉलेट से से डोनेट करने के लिए PAY NOW को दबाने के बाद अमाउंट व मोबाइल नंबर डाले फिर ‘Other’ में जाकर वॉलेट ऑप्शन चूज करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’