लखनऊ (UP): देवभाषा संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुंदर पहल की है।
देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तरप्रदेश अब देवताओं की भाषा संस्कृत में प्रेस विज्ञप्ति जारी करना शुरू कर चुका है। इस बारे में प्रदेश के सूचना विभाग ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि कहा “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार शासकीय प्रेस विज्ञप्तियां अब संस्कृत भाषा में भी निर्गत की जाएंगी।”
गौरतलब है कि सूचना विभाग ने शनिवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संपन्न कोविड-19 की दैनिक समीक्षा बैठक की प्रेस विज्ञप्ति संस्कृत भाषा में भी जारी की। हिंदी व अंग्रेजी में पहले से ही सरकारी विज्ञप्ति जारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी के निर्देशानुसार शासकीय प्रेस विज्ञप्तियां अब संस्कृत भाषा में भी निर्गत की जाएंगी।
मुख्यमंत्री जी द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत प्रतिदिन की जा रही समीक्षा बैठक की आज की संस्कृत भाषा में निर्गत प्रेस विज्ञप्ति.. pic.twitter.com/601r7dGLYV
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 26, 2020
पिछले साल सीएम योगी ने की थी घोषणा:
हालांकि यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया बल्कि संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने जून 2019 अब हिंदी, अग्रेजी के अलावा प्रेस रिलीज को संस्कृत में भी जारी करने की घोषणा की थी। इसका एक नमूना भी सरकार के जरिए उसी समय जारी किया था। वहीं इससे पहले हुए एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि संस्कृत भारत का डीएनए है।
जहां विज्ञान का अंत वहां संस्कृत शुरू:
संस्कृत भारती के जरिए आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा था, “संस्कृत अब केवल धार्मिक मंत्र और रीति रिवाज तक ही सीमित होकर रह गई है। हमें इस बात को समझना चाहिए कि जहां विज्ञान का अंत होता है वहीं से संस्कृत शुरू होती है। हमने दिन प्रतिदिन के जीवन में इसका उपयोग न करके संस्कृत को कमजोर कर दिया है।”
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