मनु की मूर्ति तोड़ने से भड़क सकते है दंगे, मूर्ति को सुरक्षा दिलाने राजस्थान हाई कोर्ट पहुंची युथ फॉर इक्वलिटी

नई दिल्ली: मनु की मूर्ति को तोड़ने को लेकर दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद द्वारा किये गए आपत्तिजनक ट्वीट पर मचे बवाल के बाद अब मनु की मूर्ति की सुरक्षा को लेकर संस्था यूथ फॉर इक्वलिटी राजस्थान हाई कोर्ट व राजस्थान पुलिस डीजीपी के पास पहुंची है।

संस्था ने मनु की मूर्ति को सुरक्षा दिलाने व चंद्रशेकर पर हिंसा भड़काने के मकसद से किये ट्वीट पर अपनी शिकायत दर्ज कराई है।

दरअसल 29 जून को किये अपने ट्वीट पर चंद्रशेखर आज़ाद ने मनु की मूर्ति को राजस्थान सरकार से जल्द हटाने की मांग की है ऐसा न करने पर उन्होंने खुद उसे वहां से हटाने की धमकी दे डाली है।

जिसके बाद सवर्ण सगठनों ने इस पर पुरजोर विरोध दर्ज कराते हुए ऐसा न करने के लिए चेतावनी जारी की है।

ऐसे में आरक्षण व अपने सामाजिक कार्यो से चर्चा में बने रहने वाली संस्था यूथ फॉर इक्वलिटी के अध्यक्ष डॉ कौशल कांत मिश्रा ने पत्र लिख कर मनु की मूर्ति को पुख्ता सुरक्षा मुहैय्या कराने की मांग की है।

पत्र की एक कॉपी फलाना दिखाना को भी दी गई है। संस्था ने अपने पत्र में लिखा कि “चंद्रशेखर ने अपने ऑफिसियल अकाउंट से ट्वीट कर मनु की मूर्ति तोड़ने की बाते कही है जो अपने आप में कानून व न्याय का प्रतिक है”।

वहीं आगे संस्था ने दोहराया कि ट्वीट आने के बाद सवर्णो व दलितों में आपसी तनाव बढ़ रहा है जो आगे दंगो की शक्ल ले सकता है ऐसे में मनु की मूर्ति को पुख्ता सुरक्षा देनी चाहिए।

आपको बता दें कि इससे पहले दलित एक्टिविस्ट प्रशांत कनौजिया, विलास खेरात व दिलीप मंडल भी मनु की मूर्ति को तोड़ने की वकालत कर चुके है।

फर्जी एससी एसटी एक्ट लगने पर लड़ती है मुफ्त में केस
संस्था एससी एसटी एक्ट को लेकर कई बार अपना विरोध सुप्रीम कोर्ट से लेकर न्यूज़ मीडिया में दर्ज करा चुकी है। संस्था फर्जी एससी एसटी एक्ट की मार झेल रहे कई लोगो की क़ानूनी मदद भी करती आई है।

वर्ष 2018 में शुरू की अपनी इस मुहीम में संस्था सैकड़ो पीड़ितों को न्याय दिलवा चुकी है वहीं कई युवाओ की ज़िन्दगी को बर्बाद होने से भी बचा चुकी है। फर्जी एक्ट में फसाये गए पीड़ित संस्था की वेबसाइट youthforequality.in से अधिक जानकारी ले सकते है।


Donate to Falana DIkhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। Paytm, PhonePe, Bhim UPI, Jio Money, व अन्य किसी वॉलेट से से डोनेट करने के लिए PAY NOW को दबाने के बाद अमाउंट व मोबाइल नंबर डाले फिर ‘Other’ में जाकर वॉलेट ऑप्शन चूज करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’



Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem!

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

बिहार चुनाव से पहले RJD नें मनु मूर्ति हटाने का खेला दांव, लोकसभा में सवर्ण आरक्षण का किया था विरोध

Next Story

‘अन्न योजना छठ तक बढ़ाने से गरीबों का बड़ा कल्याण होगा’- भोजपुरी एक्टर खेसारी नें की PM की तारीफ़ें

Latest from दुराचार

13 वर्षीय हिन्दू किशोरी के साथ मोहम्मद बेचन व उसके साथियों ने किया गैंगरेप, तीन दिन बाद भी सभी आरोपी फरार

खगड़िया- बिहार के खगड़िया जिले में एक 13 वर्षीय हिन्दू किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने…

एमपी- शादी का झांसा देकर हिन्दू युवती को बनाया हवस का शिकार, कोर्ट ने आरोपी अल्पेश खां को सुनाई उम्रकैद की सजा

सीहोर- मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में एक नाबालिग हिन्दू युवती को बहला फुसला कर उसके साथ…