गरीब भी राम मंदिर के बढ़चढ़ कर कर रहे हैं दान, अब तक 230 करोड़ का दान हुआ

अयोध्या: भगवान राम मंदिर के निर्माण के लिए बीते मकर संक्रांति से श्री राम मंदिर निधि समर्पण अभियान शुरू किया गया था जिसके अंतर्गत पूरे भारतवर्ष से हर वर्ग हर तबके के लोग मंदिर के लिए श्रद्धानुसार दान कर रहे हैं।

राम जन्मभूमि निर्माण समिति के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि ने बताया कि इस अभियान के तहत अब तक 230 करोड़ रुपये एकत्र हो चुके हैं। इस अभियान में यह प्रयास किया जा रहा है कि गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपनी श्रद्धा भाव के साथ योगदान दे सके। उसे भी अनुभूति हो कि राम के काम में एक ईंट उनकी भी लगी है।

1100 करोड़ रुपए का लागत:

इसके पहले मंदिर के कुल खर्च व निर्माण अवधि के बारे में न्यास के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने बताया था कि ‘मुख्य मंदिर का निर्माण तीन-साढ़े तीन साल में पूरा होगा और उसपर 300-400 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। पूरी 70 एकड़ भूमि के विकास कार्य में 1,100 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आने की संभावना है।

किन्नरों ने राम मंदिर के लिए किया भावुक समर्पण:

इसी कड़ी में राजस्थान के 20 किन्नरों ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए लाखों रुपये दान में दिए हैं। इसे अपने जीवन का एक भावनात्मक क्षण कहा है क्योंकि उन्होंने सदियों पहले बनाए रखा था कि भगवान राम ने आशीर्वाद दिया था कि उनके लिए कलयुग अच्छा होगा।

मिट्टी के बर्तन बेंचकर दान किए:

ऐसी ही एक तस्वीर महाराष्ट्र के बसई में देखने मिली जहां मिट्टी के बर्तन बेचकर गरीब परिवार ने राम मंदिर के लिए निधि समर्पित कर दी। दरअसल बसई के नालासोपारा शहर के लशावीर बस्ती में मिट्टी के बने मटके बेंच कर गरीब परिवार अपना जीवन यापन करता था जब उनसे धन संग्रह टोली ने अपनी स्वेच्छा से श्री रामलला के मंदिर निर्माण हेतु राशि समर्पण करने हेतु निवेदन किया जिस पर उन्होंने तत्काल 5, 10 रुपए के सिक्के से ₹100 का समर्पण कर दिया।

बताया गया कि 100 रुपए जो दान में दिया गया उतना ही परिवार के पूरे दिन की आय थी। लेकिन परिवार ने श्री रामलला के मंदिर के लिए रसीदे कटवाई तो संग्रहकर्ताओं ने उस राम भक्त गरीब परिवार को दिल से प्रणाम किया।

दान देने के 2 घन्टे बाद वृद्धा ने त्याग दिए प्राण:

वहीं मध्य प्रदेश के विदिशा से इसी अभियान के दौरान अद्भुत संयोग वाला मामला सामने आया है। दरअसल विदिशा जिले के मंडीबामोरा क्षेत्र के अंतर्गत दतेरा गांव निवासी राकेश आचार्य की माता शांति देवी आचार्य दान देने के कुछ घण्टों बाद ही स्वर्गवासी हो गईं।

85 वर्षीय शांति देवी ने मंदिर के लिए अपनी वृद्धावस्था पेंशन में से 2100 रुपए दान करने के कुछ ही घंटे बाद प्राण त्याग दिए। सिहोरा में निर्माण निधि समर्पण अभियान के प्रमुख मृगेंद्र सिंह ने बताया कि सुबह 9:00 बजे राकेश शर्मा ने राकेश सूर्यवंशी जी से कहा कि माताजी को मंदिर के लिए दान देना है तो राकेश सूर्यवंशी ने कहा कि अभियान टोली आपके घर आएगी। 

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

बदांयू केस: DNA व फॉरेंसिक रिपोर्ट में हुई कुंए में गिरने की पुष्टि, FD ने सबसे पहले किया था खुलासा

Next Story

दिल्ली हिंसा: पुलिस पर हुए हमले के विरोध में उतरे पुलिसकर्मी व उनके परिजन, सुनाया तलवार व डंडों का खौफनाक मंजर

Latest from राम राज्य

पटाखे फोड़ने पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिन्दू युवक के साथ की मारपीट, पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार, वीडियो वायरल

हाथरस- उत्तरप्रदेश के हाथरस जिले में दीपावली के मौके पर आतिशबाजी कर रहें हिन्दू युवक के…

दलितों के घर जाकर देवी-देवताओं की मूर्ति निकाली, पोस्टर फाड़े, शिकायत करने पर दी एससी एसटी एक्ट की धमकी

हाथरस- उत्तरप्रदेश के हाथरस जिले में तथाकथित अंबेडकर वादियों के द्वारा दलितों के घर जाकर हिन्दू…

हिंदू त्यौहार को मिली अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि, दुर्गा पूजा यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल

नई दिल्ली: भारत के त्यौहार दुर्गा पूजा को अब अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हो चुकी है। संयुक्त…