‘चीन में मुस्लिम महिलाओं के जबरन डालते हैं गर्भनिरोधक उपकरण, 30 लाख लोग डिटेंशन कैंप में बंद’- कैंपेन 4 उईगर्स

बीजिंग (चीन): उईगर मुस्लिमों के संगठन ने चीनी सरकार की दुराचारी ज्यादतियों का खुलासा किया है।

चीन में अल्पसंख्यक मुस्लिमों की ज्यादतियों को लेकर फिर बड़े खुलासे किए गए हैं। कैंपेन फॉर उईगर्स के संस्थापक व निदेशक रुशन अब्बास ने एक जारी किए बयान में कहा है कि “तीन मिलियन से अधिक उइगर अपनी धार्मिक पहचान के कारण नजरबंदी शिविरों में बंद हैं। चीन भर की फैक्ट्रियों में लाखों लोगों को गुलाम माना जाता है।”

Founder Rushan Abbas, Campaign 4 Uighurs

उइगर अभियान के संस्थापक और कार्यकारी निदेशक रुशन अब्बास ने यूके स्थित एशियन लाइट इंटरनेशनल के लिए एक विशेष रिपोर्ट में लिखा है कि “चीनी सरकार द्वारा कराए गए मेरी डॉक्टर गुलशन अब्बास के अपहरण को इस साल सितंबर में दो साल हो गए हैं। अमेरिका में यहां मेरी एक्टिविज्म के कारण उसे उठा लिया गया था।”

Uighurs Group demanding release of detained by Chinese Regime , Pic: Representational

अब्बास के अनुसार “वर्तमान में, चीन पूर्वी तुर्किस्तान में उइगरों पर दवाओं और टीकों का परीक्षण कर रहा है और उन्हें उपचार का परीक्षण करने के लिए गिनी सूअरों के रूप में उपयोग किया जा रहा है। चीन धर्म पर अपने अविश्वासपूर्ण युद्ध का समर्थन कर रहा है, नमाज अदा करने के लिए चुप करा रहे है, और पूर्वी तुर्किस्तान में, रमजान के दौरान उपवास करने वालों उइगर को ऐसा करने से मना कर रहा है, बच्चों के लिए मुस्लिम नामों को नियम विरोधी कर रहा है, और यहां तक ​​कि उईगरों को शराब पीने और सुअर का मांस खाने के लिए मजबूर कर रहा है ताकि ऐसा सिद्ध हो कि वे धार्मिक नहीं हैं।”

आगे धार्मिक प्रतीकों के बदलाव को लेकर कहा “वे बाइबल और पवित्र कुरआन को भी फिर से लिख रहे हैं। हमारे धर्म को कलंकित किया जा रहा है और हमारी जातीयता को ध्वस्त किया जा रहा है। चीन ने सभी सामान्य धार्मिक प्रथाओं को “अवैध धार्मिक गतिविधियों” के रूप में घोषित किया। मस्जिदों को कराओके बार और रेस्तरां में बदल दिया गया है।”

अंत में महिलाओं पर दुराचारों के खुलासे कर कहा “CCP ( चीनी राष्ट्रपति सी जिंग पिंग की पार्टी) ने पार्टी कैडरों को परिवारों के साथ रहने के लिए भेजा है और ये “डबल रिलेटिव प्रोग्राम” के तहत “देखरेख” करते हैं। इनमें से कई महिलाएं जिनके पति शिविरों में हैं, कैडर भी अपने बिस्तर पर सो सकते हैं। यह उन्हें यौन शोषण के अधीन छोड़ देता है। कई महिलाएं हान चीनी पुरुषों के साथ विवाह के लिए मजबूर हैं। यह सरकार द्वारा प्रायोजित सामूहिक बलात्कार से कम नहीं है। सबसे ज्यादा डराने वाला, महिलाओं को जबरन गर्भनिरोधक उपकरण डाले जाते हैं, जबरन गर्भपात कराया जाता है, और जबरन नसबंदी करवाई जाती है। यह नरसंहार है। ”


Donate to Falana DIkhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’

                                                        
+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

‘संस्कृत भारत का डीएनए है’- योगी सरकार ने की संस्कृत में प्रेस रिलीज़ की शुरुआत

Next Story

‘राज्यों में बनें धर्मांतरण विरोधी कानून, फ़र्जी सेवा द्वारा आदिवासियों का धर्मांतरण कराती हैं मिशनरी’- UP विधानसभा अध्यक्ष

Latest from देश विदेश - क्राइम

कर्नाटक हाईकोर्ट ने SC-ST एक्ट मामले में 99 को दी जमानत, चार झोपड़ी जलाने के आरोप में मिली थी आजीवन कारावास

कर्नाटक: हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच ने बुधवार को कोप्पल जिले के गंगावती तालुक के मरकुंबी गांव…