दमोह : एमपी के दमोह जिले में एक प्रेमी को 8 से 10 आदिवासियों ने अंतर्जातीय प्रेम संबंधो के चलते मौत के घाट उतार दिया। घटना सनाई बोरिया गांव की है जहां दो युवको के लापता होने की सुचना पुलिस को दी गयी थी जिनमे से एक युवक का शव नदी में पत्थरों के नीचे क्षत-विक्षत अवस्था में दबा मिला था। जबकि मृतक के कपड़े खेत से बरामद किए गए। दूसरे शव की तलाश में पुलिस देर रात तक जुटी हुई थी।
दरअसल लापता हुए दोनों मृतक तावरा भैंसा निवासी गोविंद पटेल 22 और बम्हौरी पांजी निवासी नरेश पिता शारदा पाल 22 अपने ग्राम तावरा से 9 अगस्त को मोटर साइकिल लेकर निकले थे और फिर वापस लौट कर नहीं आये थे।
जिनमे से गोविंद का मामला सिंग्रामपुर चौकी में और नरेश का मामला तेंदूखेड़ा थाने में 12 अगस्त को दर्ज किया गया था। वहीं पुलिस के शुरुआती लचर रवैये के बाद परिजनों ने एसडीओपी चौरसिया के पास शिकायत लेेकर गुहार लगाई थी।
जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने संदिग्ध मोहन आदिवासी, संजू आदिवासी, रामलखन आदिवासी, प्रकाश आदिवासी, ब्रजेश आदिवासी, सीताराम आदिवासी, नारायन आदिवासी व एक नाबालिग को पकड़कर पूछताछ करी। जिनमे उन्होंने अपना जुर्म काबुल लिया।
वहीं जाँच में वमनदेही नदी में पठाघाट इमली के पेड़ के पास से पुलिस को मृतक की बाइक मिली थी। जिसके बाद से पड़ताल प्रारंभ की गई। पठाघाट नदी के पानी के अंदर पत्थरों के नीचे गोविंद पटेल का शव दबा था। इस बीच तहसीलदार मोनिका बागमारे की उपस्थिति में शव बरामद किया गया। जबकि नरेश पाल के शव की अब भी तलाश की जा रही है।
मामले का अनावरण करते हुए एसडीओपी अशोक चौरसिया ने बताया कि गोविंद पटेल का गांव की ही एक लड़की से प्रेम प्रसंग चल रहा था।
लड़की की शादी सनाई बोरिया के मोहन आदिवासी से तय हुई थी। जिस बात को लेकर लेकर मोहन आदिवासी नाराज रहता था। मनोज के मुताबिक उसका प्रेमी उसकी शादी में आड़े आ रहा था इसलिए उसने उसकी हत्या कर दी।
साथ ही पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ तारादेही पुलिस ने धारा 147, 148, 149, 302, 201, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों से हथियार कुल्हाड़ी, लाठी भी बरामद की गई हैं।
Donate to Falana Dikhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’