रेल ब्यूरो : केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल में रेलवे नें सुरक्षा मामलों में 166 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
भारतीय रेल व भारत सरकार दोनों के लिए अच्छी ख़बर हैं यानी अंत में ये अच्छी खबर भारतीय रेल यात्रियों के लिए भी है। क्योंकि जैसे ही हम रेलवे स्टेशन पर जाते हैं तो आवाज़ सुनाई देने लगती है भारतीय रेलवे आपके सुखद यात्रा की कामना करता है। और ये तभी होगा जब रेलवे हमें अच्छी सुविधाओं के साथ, रेल गाड़ियों का बढ़िया रखरखाव करे।
हाल ही में अंग्रेजी अखबार बिजनेस टूडे द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया कि रेलवे का चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 सबसे सुरक्षित साल था। रेल दुर्घटना का रिकॉर्ड शून्य पर रहा। जोकि रेलवे के 166 साल के समूचे इतिहास में नहीं रहा।
1960-61 में दुर्घटनाओं की संख्या 2,131 थी, जो 1970-71 में घटकर 840 हो गई। 1980-81 में दुर्घटनाओं की कुल संख्या 1,013 दर्ज की गई थी, 1990-91 में यह 532 दुर्घटनाओं में थी, और 2010-11 में इस तरह के 141 मामले थे।
अपने 166 साल के लंबे इतिहास में, भारतीय रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2019-20 को अपना सबसे सुरक्षित वर्ष बताया है। राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने चालू वित्त वर्ष के दौरान शून्य यात्री मौतों के आँकड़े को पाया, जो सुरक्षा के मोर्चे पर इसके लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
भारतीय रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 38 वर्षों में परिणामी दुर्घटनाओं की कुल संख्या – टकराव, ट्रेनों में आग, स्तर पार दुर्घटनाओं और पटरी से उतरने की संख्या में लगभग 95 प्रतिशत की कमी आई है।
वित्तीय वर्ष 2017-18 में, भारतीय रेलवे ने रेलवे नेटवर्क पर 73 दुर्घटनाओं की सूचना दी। निरंतर सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन ने इस संख्या को वित्त वर्ष 19 में और घटाया। भारतीय रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान 59 दुर्घटनाओं की सूचना दी।
इसके अतिरिक्त, 2018-19 में प्रति मिलियन किलोमीटर पर रेल दुर्घटनाओं की कुल संख्या 0.06 से कम हो गई। रिपोर्टों से पता चलता है कि 1990-1995 के बीच सालाना औसतन 500 से अधिक दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें लगभग 2,400 लोग मारे गए और 4,300 घायल हुए। हालाँकि, 2013-2018 के बीच हर साल औसतन 110 दुर्घटनाएँ हुईं, जिसमें लगभग 990 लोग मारे गए और 1,500 लोग घायल हुए।
Safety First: First time in 166 years, Indian Railways had zero passenger deaths in the current financial year.https://t.co/9tgqKSo9js
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 25, 2019
इधर हाल ही में रेलवे ने कालका और शिमला (यूनेस्को की विश्व धरोहर सेक्शन) के बीच नए ‘हिम दर्शन एक्सप्रेस’ की शुरुआत विस्टाडोम कोच (ग्लास रूफ टॉप) के माध्यम से की है।
अब, यात्री यात्रा करते समय बर्फ से ढकी पहाड़ियों के सुंदर दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
आपको बता दें कि इस हिम दर्शन स्पेशल ट्रेन के लॉन्च होते ही इसके लिए यात्रियों नें धड़ाधड़ बुकिंग शुरू की जोकि अगले कुछ दिनों में ख़त्म हो गई। इसकी क्षमता फ़िलहाल 100 के आसपास है।
#Railways introduces new ? ‘Him Darshan Express’ between Kalka and Shimla #UNESCO World Heritage Section with see-through vistadome coaches (Glass Roof Top).
? Now, passengers can enjoy scenic view of snow clad hills while travelling. pic.twitter.com/uMyuYtwCKE
— All India Radio News (@airnewsalerts) December 25, 2019
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