नई दिल्ली: हिंदू त्यौहार विरोधी मुहिम पर PETA नें अपनी फजीहत करवा ली है लोग सवाल खड़े करने लग गए हैं।
दुनिया भर में पशु अधिकारों के संरक्षण के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था PETA को आगामी रक्षाबंधन को लेकर शुरू की गई एक मुहिम से खासी आलोचना सहनी पड़ रही है।
बुधवार को PETA नें एक मुहिम चलाया था जिसमें रक्षाबंधन के दौरान ‘राखी में चमड़े का उपयोग न करने’ की सलाह दी गई थी। इसके अलावा मुहिम के पोस्टर बैनर भी जगह जगह लगा दिए गए। गुजरात के लोग ये बैनर देखकर चौंक गए जिसमें लिखा था कि गायों की रक्षा करने के लिए इस रक्षाबंधन चमड़े का उपयोग नहीं करना चाहिए।
कनेक्शन केवल ये है कि गाय की फ़ोटो लगाने से ‘प्रचार’ मिलेगा, बकरे की फ़ोटो लगाने से गाली! https://t.co/GPl9yp7oEp
— रोहित सरदाना (@sardanarohit) July 17, 2020
इसके बाद लोगों ने ट्विटर के जरिये PETA से सवाल कस रहे हैं कि “रक्षाबंधन के त्यौहार में चमड़े का इस्तेमाल किस चीज़ में होता है।”
वहीं अब PETA के इस मुहिम पर पत्रकार भी सवाल करने लगे हैं। TV पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध नें पूछा कि “राखी और चमड़े का क्या संबंध है”। वहीं दूसरे जाने माने एंकर व पत्रकार रोहित सरदाना नें तो उसके पहले के मुहिम को याद दिलाते हुए कटाक्ष किया और कहा कि “कनेक्शन केवल ये है कि गाय की फ़ोटो लगाने से ‘प्रचार’ मिलेगा, बकरे की फ़ोटो लगाने से गाली !”
कनेक्शन केवल ये है कि गाय की फ़ोटो लगाने से ‘प्रचार’ मिलेगा, बकरे की फ़ोटो लगाने से गाली! https://t.co/GPl9yp7oEp
— रोहित सरदाना (@sardanarohit) July 17, 2020
हालांकि अपना एजेंडा जाहिर कर PETA खुद एक्सपोज हो गया अब सोशल मीडिया पर अपने बयान से पलटी मार ली। PETA इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा कि “हमने नहीं कहा कि राखी चमड़े से बनती है। हमने कहा कि रक्षाबंधन हमारी बहन गायों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छा दिन है और उनकी रक्षा हमें चमड़े के त्याग का संकल्प लेकर करनी चाहिए। यह संदेश सभी तरह के लोगों के लिए है।”
We didn’t say it was. Surely you do not disagree that Raksha Bandhan is a good day to extend protection to cows who are our sisters under the skin by taking a pledge to go leather-free, for life. https://t.co/E8xB68x4Pw
— PETA India (@PetaIndia) July 17, 2020
याद दिला दें कि PETA को अपने एक पहले मुहिम में लोगों से बकरी ईद पर शाकाहारी बनने और बकरी के सेवन ना करने का आग्रह किया गया था। लखनऊ पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद, बैनर को ‘धार्मिक भावनाओं को आहत करने’ के लिए हटा दिया गया था।
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Why Shivendra Tiwari is writing this piece?
Shivendra Tiwari is a student of journalism at the University of Delhi. Shivendra comes from a very remote village of Riwa situated in Madhya Pradesh. Shivendra’s knowledge about regional and rural politics defines his excellence over the subject. Apart from FD, he writes for ‘Academics 4 Namo’ and ‘Academics for Nation’ to express the clear picture of right-wing in the rural areas. Moreover, Tiwari Ji is from a science background and had scored more than 95% in his intermediate exams!