पंजाब (पाक): हिन्दू भीलों के भयानक धर्मांतरण का मामला पाकिस्तान में सामने आया है।
पाकिस्तान में हिन्दू अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न किसी से छुपा नहीं है लेकिन अब पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के दिन एक और चौकाने वाली खबर आई है।
दरअसल पाकिस्तान की कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर 194 हिन्दू भील समुदाय के सदस्यों को पंजाब- पाकिस्तान में इस्लाम कबूल करवाया गया। जिसमें कुल 82 परिवार थे और उनमें से 80 परिवार को इस्लाम कबूल कराया गया। और बताया गया कि यहां अल्पसंख्यक समुदाय हिंदु और विभिन्न धर्म विलुप्त होने के कगार पर हैं।
जबकि हिंदू भील समुदाय के 10 सदस्यों को रहिमार खान, पंजाब में इस्लाम कबूल कराया गया। बता दें कि यह पंजाब का एकमात्र जिला है जहां हिंदू, बड़ी आबादी मौजूद है। अन्य सभी 35 जिलों में एक हिंदू को ढूंढना मुश्किल है और वे लुप्त हो गए हैं।
इस्लाम कबूल कराते वक्त इनमें छोटे छोटे बच्चे व महिलाएं ज्यादातर शामिल थीं और दुखद बात ये है कि इन समुदाय को पाकिस्तान में शिक्षा से बिल्कुल दूर रखा जाता रहा है। लिहाजा इनको जबरम इस्लाम कबूल कराकर क़लमा तैयबा पढ़वाया गया और उनके मुस्लिम नामकरण तक कराए गए। हालांकि जिन पाकिस्तान चैनलों ने रिपोर्ट दिखाई उन्होंने इसे इस्लाम का बढ़ता प्रभाव बता दिया।
उधर फ़लाना दिखाना ने इस क्षेत्र के बारे में पहले की घटनाओं की जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि मई 2020 में ही पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक उत्पीड़न का एक और मामला आया था। जहाँ सिंध प्रांत में हिंदुओं ने आरोप लगाया था कि इस्लामिक मुकदमा चलाने वाले समूह, तब्लीगी जमात ने उन्हें प्रताड़ित किया, उनके घरों को ध्वस्त किया और इस्लाम में बदलने से इनकार करने पर एक हिंदू लड़के का अपहरण भी किया ।
इसके अलावा सिंध के एक वीडियो में भील हिंदुओं को जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध करते हुए दिखाया गया था। जिसमें भील कह रहे थे कि “हम मरना पसंद करेंगे, लेकिन कभी इस्लाम में धर्मांतरण नहीं करेंगे।” जिसको लेकर महिलाओं बच्चों ने तब्लीगी जमात के खिलाफ हाथ से लिखे पोस्टर पकड़ कर नासूर पुर मटियार में प्रदर्शन भी किया था।
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