माननीय मुख्यमंत्री योगी जी हम बेरोजगार युवा सालों तक परीक्षाओं का तहे दिल से तैयारी करते है और मेहनत के बल पर भी परीक्षा पास करते है। परंतु किसी न किसी कारण से भर्ती प्रक्रिया लम्बी खिंच जाती है।
एक लम्बी प्रक्रिया के बाद जब अंतिम परिणाम आता है तो फिर नियुक्ति की प्रक्रिया में जटिलता आने लगती है ऐसे में कोई भर्ती जो अधिकतम समय ले कर भी एक वर्ष में पूरी हो जाये वो 4-5 वर्षों में पूरी हो पाती है। कुछ भर्तियां तो 1 दशक से भी ज्यादा समय तक अटक जाती है।
जो कि एक तन मन धन से थका देंने वाला समय होता है साथ ही साथ इतना समय बर्बाद हो चुका होता है कि फिर दूसरा कुछ करने को बचता ही नहीं।
इन्ही सब समस्या को ध्यान में रखते हुए मैं 2018 में उ.प्र. अधीनस्थ सेवा चयन अयोग (UPSSSC) से आयी भर्ती विज्ञापन सं.- 2/2018 ग्राम पंचायत अधिकारी,ग्राम विकास अधिकारी,समाज कल्याण पर्यवेक्षक के संबंध में ध्यान आकृष्ट कराना चाहूंगा। इस भर्ती के फॉर्म भरने की प्रक्रिया मई से जून 2018 के बीच सम्पन्न हुई।
इसका परीक्षा आयोजन 22/23 दिसम्बर 2018 को सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ तथा परीक्षा का परिणाम 28 अगस्त 2019 को घोषित हुआ। इसके बाद आयोग द्वारा अभिलेख परीक्षण की प्रक्रिया शुरू करनी थी परंतु आयोग द्वारा जारी किए गए सिंतबर से फरवरी मासिक कैलेंडर में हर बार संभावित तिथि को टाला गया। आयोग के ढीलमुल रवैये को देखते हुए चयनित अभ्यर्थियों ने अपनी मांग रखने के लिए आयोग में कई बार धरने का आयोजन किया गया।
अन्ततः ये परिणाम हुआ कि आयोग ने 29 फरवरी 2020 को अभिलेख परीक्षण की तिथि जारी परन्तु 1952 में सिर्फ1553 बच्चों को ही परीक्षण के लिए बुलाया गया और 12 मार्च से 2 जून 2020 तक अभिलेख परीक्षण का कार्यक्रम रखा गया। इस बीच बचे 399 अभ्यर्थियो द्वारा आयोग से उन्हें परीक्षण के लिए न बुलाये जाने का कारण पूछा तो आयोग ने बताया कि कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह(मोती सिंह) की शिकायत पर परिणाम की दुबारा जांच होने पर फिलहाल इतने अभ्यर्थियो की सूची जारी हुई बाकी बची सूची जांच पूरी होते जारी कर देंगे।
12 मार्च से शुरू हुई परीक्षण की प्रक्रिया 19 मार्च को COVID19 के कारण अगले आदेशो तक स्थगित कर दी गई। लोकडाऊन में ढील के बाद जब मई में आयोग खुला तो हम अभ्यर्थियो द्वारा अभिलेख परीक्षण के पुनः शुरू होने को आशा की गई और आयोग तिथि जारी करने की मांग की गई। परंतु आयोग ने 20 जून 2020 को अभ्यर्थियो को झटका देते हुए एक नोटिस जारी किया गया कि भर्ती की जाँच SIT को सौंप दी गई है और अग्रेतर प्रक्रिया रिपोर्ट आने के बाद शुरू होगी।
SIT जांच की बात सुनकर हम सभी 1952 अभ्यर्थियो में घोर निराशा व्याप्त हो गई है और भर्ती का भविष्य अधर में लटक गया है । इस संदर्भ में सभी अभ्यर्थियो द्वारा अपनी बात सरकार तक आवाज़ पहुचाने के लिए विभिन्न माध्यमों जैसे ट्विटर, विभिन्न सासंद विधायको को ज्ञापन प्रेषित करना, का प्रयोग किया गया परन्तु कोई कार्यवाही नही हुई।
ऐसे में हम अभ्यर्थियो को ऐसे जगह पर लाकर खड़ा कर दिया गया है कि न तो हम पीछे जा फिर से तैयारी कर सकते है और न ही आगे जाने का कोई रास्ता है ।
कई ऐसे अभ्यर्थी है जो इस प्रतिष्ठित पद पर काम करने की इच्छा के कारण पुरानी नौकरी से भी इस्तीफा दे दिया। ऐसी स्तिथि में हम 1952 अभ्यर्थियो को सामाजिक मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा।
सभी अभ्यर्थियो की अपनी अपनी समस्याएं है। कोई एकदम गरीब घर से है तो कोई अपने घर इकलौता सरकारी नौकरी वाला होने का सपना सजोये है। कुछ अपने घर के इकलौते आय के स्रोत है। कुछ अभ्यर्थी इतने प्रताडित हो चुके कि अब इच्छामृत्यु की मांग करने लगे है।
अतः मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि हम 1952 अभ्यर्थियो की समस्या की जटिलता को समझते हुए इस संदर्भ उचित कार्यवाही करते हुए हमारी नियुक्ति को न्यूनतम समय मे पूरा करने का आदेश जारी करे।
यह लेख विलेज डेवलपमेंट अफसर पद पर चयनित हो चुके सुमित पांडेय ने लिखा है। सुमित पिछले 800 से अधिक दिनों से अपनी जॉइनिंग का इंतजार कर रहे है। सुमित इसके अलावा युवा कल्याण भर्ती में भी चयनित हो चुके है जो VDO से पहले की भर्ती थी वहीं शिक्षक भर्ती में भी इन्हे जिला आवंटित हो चूका है लेकिन कही पर भी जॉइनिंग नहीं मिल सकी है। सुमित बताते है कि “अब कितना पढ़े जब कही जॉइनिंग ही नहीं मिल रही है। बहुत मानसिक तनाव से गुजर रहे है।”
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