कानपूर देहात: उत्तर प्रदेश के कानपूर देहात में एक ग्राम सचिव द्वारा दलित के लिए वोट मांगने व वोट न देने पर पीएम आवास योजना का लाभ न देने का मामला सामने आया है।
घटना कानपूर देहात के ग्राम बारा के माजरा खुमानपुरवा की है जहां सचिव हरनाथ संखवार द्वारा प्रधान मंत्री आवास योजना सर्वे के दौरान लोगो के घरो में जाकर बीजेपी को दलित व मुस्लिम विरोधी बताकर अपने साथ लाये एक व्यक्ति के लिए प्रचार प्रसार कर रहे है।
ग्राम सचिव के साथ आये व्यक्ति का नाम संतोष कुमार गौतम बताया जा रहा है। ग्रामीणों ने हमें बताया कि संतोष गौतम पूर्व में तीन बार प्रधानी का चुनाव लड़ चूका है व जातिवादी किस्म का नेता है।
ग्रामीणों ने साथ ही आरोप लगाया कि ग्राम सचिव खुद दलितवादी राजनीती को बढ़ावा देता आया है। जिस कारण उसने प्रधानी के चुनाव में संतोष कुमार गौतम को बढ़ावा देना चाहा। गाँव के अन्य जमीनी नेताओ के मुताबिक संतोष बसपा से सम्बंधित है व दलित राजनीती में द्वेष की भावना से कार्य करता है।
ग्रामीणों में आमीन, ज्योति, रीना, रजिया व अन्य लोगो ने इसकी शिकायत डीएम से लिखित पत्र लिख भी करी है। पत्र में भी ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्राम सचिव अपने साथ सतोष गौतम को लेकर आये थे और आवास का डर दिखाकर वोट लेना चाह रहे थे। इसी के साथ ग्राम सचिव ने यह भी धमकी दी कि अगर वोट नहीं दिया तो आवास योजना का लाभ नहीं मिल पायेगा।
ग्राम सचिव सिर्फ आवास योजना तक सीमित नहीं रहता है। ग्रामीणों के अनुसार सचिव हरनाथ कोई भी सरकारी योजना देने से पहले लोगो को यु ही संतोष गौतम के पाले में वोट देने की मांग करता है।
यह कार्य वह अधिकतर दलितों व मुस्लिम इलाको में करता आता था लेकिन उनमे से ही कुछ लोगो ने ग्राम सचिव की हरकतों से परेशान आने के बाद हरनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
वहीं हरनाथ की कार्यशैली से उच्च जाति व ओबीसी के लोग भी परेशान है। शिकायतकर्ता आमीन द्वारा हमें बताया गया कि योजना आने पर ग्राम सचिव सामान्य जन को इसके बारे में जानकारी नहीं देता है और अपने खास लोगो में चुपचाप काम कर आता है। ग्रामीणों को खुद पता कर हरनाथ के पीछे पीछे घूमना पड़ता है।
कानपूर देहात की इस घटना पर डीएम डॉ दिनेश चंद्र चौहान ने जाँच कर ग्राम सचिव पर कार्यवाई करने का भरोसा भी दिया है।
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